श्रीलंका की जमीन का उपयोग भारत के खिलाफ नहीं होगा- अनूरा कुमार दिशानायके (श्रीलंकाई राष्ट्रपति)

श्रीलंका की जमीन का उपयोग भारत के खिलाफ नहीं होगा अनूरा कुमार दिशानायके

हाल में ही श्रीलंका में हुए आम चुनाव में अनूरा कुमार दिशानायके श्रीलंका के नए राष्ट्रपति बने। राष्ट्रपति बनने के बाद अपने सबसे पहले विदेशी दौरे के लिए उन्होंने भारत को चुना। इस दौरान उन्होंने भारत के साथ कई समझौते पर हस्ताक्षर भी किए। इसके अलावा दिशानायके नेभारतीय प्रधानमंत्री को श्रीलंका आने का न्योता भी दिया।


श्रीलंका की जमीन का उपयोग भारत के खिलाफ नहीं होगा – दिशानायके
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ श्रीलंका के राष्ट्रपति दिशनायके के बीच द्विपक्षीय वार्तालाप हुआ, जिसमें श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने श्रीलंका के मुश्किल घड़ी में भारत के पांच अरब डॉलर के सपोर्ट के लिए भारत को धन्यवाद दिया । श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने भारत को भरोसा दिया कि श्रीलंका की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ होने वाले किसी भी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाएगा।


किन-किन समझौता पर बनी सहमति
पीएम नरेंद्र मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति के बीच सौर ऊर्जा परियोजना, श्रीलंका के भीतर रेलवे कनेक्टिविटी बढ़ाने, दोनों देशों के बीच नौका और उड़ान सेवा में तेज़ी लाने, शिक्षा और रक्षा के क्षेत्र में समझौता सहित मछुआरों के अस्थाई समाधान पर चर्चा हुई।


भारत और श्रीलंका के बीच रामायण सर्किट का विकास
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर पर्यटन से जुड़ी हुई रही है। इसी कड़ी को आगे बढाते हुए भारत और श्रीलंका दोनों के बीच रामायण सर्किट के विकास पर भी बातचीत हुई। भारत व श्रीलंका रामायण कालीन इतिहास से जुड़े हुए हैं। श्रीलंका में रावण के महल होने के सबूत मिलते हैं। साथ ही साथ रामायण कालीन कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनका विकास किया जाए तो भारतीय पर्यटक जाना पसंद करेंगे जिससे श्रीलंका की पर्यटन क्षेत्र में भारी वृद्धि होगी।


श्रीलंका के टूरिज्म उद्योग को भारत से उम्मीद
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था का लगभग 12% हिस्सा पर्यटन से आता है। मालदीव की गलतियों से सीख लेते हुए श्रीलंका ने भारतीय पर्यटक को आकर्षित करने में लगा है । चुकी भारतीय पर्यटक भारी मात्रा में घूमने के लिए विदेश यात्रा करते हैं उनके लिए श्रीलंका एक अच्छा विकल्प हो सकता है।


किन-किन क्षेत्रों में भारत करेगा सहयोग
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा कि हम श्रीलंका के विकास के लिए प्रतिबद्ध है । इसके लिए भारत उत्तरी श्रीलंका में एयरपोर्ट के विकास के लिए श्रीलंका को आर्थिक रूप में सहयोग करेगा । जो लंबे समय तक श्रीलंका के लिए उपयोगी साबित होगा। साथ ही साथ मछुआरों के इलाके संबंधी मुद्दे पर भी चर्चा हुई। इस तरह के मुद्दों को बातचीत से हल किए जाने पर जोर दिया गया न की मछुआरों पर बल प्रयोग हो। प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए भारत श्रीलंका को मदद देगा। जिसमें इंडियन नेवी और इंडियन कोस्ट गार्ड भी शामिल होंगे।


चीन को झटका
भारत और श्रीलंका के अच्छे संबंध चीन के लिए बड़ा झटका साबित होगा। चीन भारत पर नजर रखने के लिए हमेशा से श्रीलंका का उपयोग करते आया है। साथ ही साथ श्रीलंका को विकास कार्यों के नाम पर कर्ज के जाल में फसाकर मोटे ब्याज दरों पर लोन देता था। लोन की किस्त ना चुका पाने पर श्रीलंका बंदरगाह को 99 साल के लीज पर भी ले चुका है। श्रीलंका अपने पुरानी गलतियों से सीख लेकर भारत से बेहतर संबंध स्थापित करना चाहता है, जो चीन के लिए बहुत बड़ा झटका साबित होगा।

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