Bangladesh News: आखिर कौन है अराकान आर्मी ? जिसने बांग्लादेश के नाक में कर रखा है दम !

Bangladesh News: आखिर कौन है अराकान आर्मी ? जिसने बांग्लादेश के नाक में कर रखा है दम !

हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला करना और भारत से दुश्मनी मोल लेना बांग्लादेश को अब भारी पड़ता नजर आ रहा है। बांग्लादेशी नेताओं की हिमाकत इतनी बढ़ गई थी कि वह भारत से बंगाल, बिहार और उड़ीसा लेने की बातें कर रहे थे। परंतु अब यह खबरें आ रही है की बांग्लादेश और म्यांमार बॉर्डर के बीच बसे अरकान आर्मी ग्रुप ने, बांग्लादेश के टेकनाफ के कुछ हिस्सों पर अपना कब्जा कर लिया है।


आखिर कौन है अराकान आर्मी ?
अराकान आर्मी को म्यांमार के विद्रोही गुट के रूप में जाना जाता है। गौरतलब हो कि 2021 में “आंग सान सू कि “जो एक चुनी हुई सरकार थी , उसे हटाकर म्यांमार की सेना ने सैन्य शासन स्थापित कर लिया था। म्यांमार की इसी सैन्य शासन के खिलाफ म्यांमार की लोगों द्वारा कई सारे विद्रोही गुट बनाए गए हैं। इन्ही में से एक विद्रोही गुट अराकान आर्मी भी है। अरकान आर्मी म्यांमार के रखाइन प्रांत में स्थित एक राष्ट्रवादी सशस्त्र संगठन है। यह गुट म्यांमार की सैन्य तानाशाही के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। अब यह जानकारी आ रही है कि इसी ग्रुप ने म्यांमार से सटे बांग्लादेश पर हमला करते हुए लगभग 271 किमी. पर अपना कब्जा स्थापित कर लिया है।


अराकान आर्मी ने क्या लगाए हैं आरोप।
म्यांमार की अरकान आर्मी ने अपने बयान में कहा है कि बांग्लादेश के जिहादी और चरमपंथी गुट बौद्धों और हिंदुओं पर अत्याचार कर रहे हैं। बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैंप में रह रहे 11 मिलीटैंट ग्रुप है, जो म्यांमार के सीमाई इलाके में हत्या रेप अपहरण और अन्य तरह के अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। अराकान आर्मी ने बांग्लादेश के बॉर्डर पर पल रहे जिहादी गुटों का अलकायदा और जमात ए इस्लामी के साथ मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।


बांग्लादेश की बढ़ती चिंताएं !
एक ओर जहां बांग्लादेश हिंदुओं पर हमले करके भारत से दुश्मनी ले चुका है, इससे नयी दिल्ली ने ढाका पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है । दूसरी तरफ अराकान आर्मी के हमले बांग्लादेश की चिताओं को बढ़ाने के लिए काफी है। गौरतलब हो कि भारत से बांग्लादेश में खाने पीने की मूलभूत जरूरत के समान भेजा जाता है। साथ ही साथ बिजली सहित गाड़ियों के पार्ट्स भारत से बांग्लादेश एक्सपोर्ट होता है। बिगड़ते संबंधों के साथ भारत ने कुछ मूलभूत सेवाओं पर रोक लगा दी है, जिससे बांग्लादेशी अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पडना लाज़मी है। भारतीय सरकार ने बांग्लादेश के युनुस सरकार को स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह अपने रुख में सुधार नहीं करता है तो नई दिल्ली जरूरी सेवाओं के अंदर आने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध आगे भी जारी रख सकती है।

बांग्लादेश का अस्थिर होना भारत के लिए चुनौती।
शेख हसीना सरकार के जाते ही बांग्लादेश की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। भारत की पड़ोस में सत्ता के लिए लड़ाई का फायदा भारत विरोधी गुट आसानी से उठा सकते हैं। कहीं ना कहीं भारत को पड़ोस में शांति लाने के प्रयास तेज करने होंगे। जब भी बांग्लादेश में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, बांग्लादेशी बॉर्डर से भारत के सीमा में भयंकर रूप से घुसपैठों की संख्या बढ़ जाती है। इस चीज का फायदा उठाकर बांग्लादेशी रोहिणा भारत में आ जाते हैं ,और भारत में कई तरह की संकट उत्पन्न कर देते हैं।

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