हमारे हमारे देश भारत पर बिना सबूत आरोप लगाने वाले और खालिस्तानी आतंकवादियों को समर्थन देने वाले जस्टिन ट्रूडो को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया। बताया जाता है की सांसदों के विरोध के बाद जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। नए पीएम के चुनाव होने तक ट्रूडो कनाडा के प्रधानमंत्री के पद पर बने रहेंगे। जस्टिन ट्रूडो पर लगातार अपने पद को छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था।
ट्रूडो ने कहा, “मैं पार्टी नेता के पद से इस्तीफा देने का इरादा रखता हूं, क्योंकि पार्टी एक मजबूत, राष्ट्रव्यापी प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से अपने अगले नेता का चयन कर लेगी।“
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने नेतृत्व को लेकर बढ़ते असंतोष के मद्देनजर लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा देने की सोमवार को घोषणा की। ट्रूडो 2015 में कंजर्वेटिव पार्टी के 10 साल के शासन के बाद सत्ता में आए थे।ट्रूडो ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैं पार्टी नेता के पद से इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री बनने का इरादा नहीं रखता हूं, उसके बाद पार्टी एक मजबूत, राष्ट्रव्यापी प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से अपने अगले नेता का चयन करेगी। यह देश अगले चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और यह मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता।”
ट्रुडो के पीएम रहते भारत कनाडा के संबंध हुए सबसे खराब।
2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह नजर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया गया। जबकि भारत पर लगे आरोप का साक्ष्य कनाडा कभी ना दे सका। बिना सबूत के लगे आरोप ने भारत और कनाडा के रिश्तों पर बड़ी चोट की। खालिस्तानी समर्थक जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाते हुए सभी मर्यादा भूल गए, उनकी उस भूल का भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। खराब रिश्तों का असर भारत में आयोजित g20 सम्मेलन में भी देखने को मिला। कनाडा के प्रधानमंत्री के साथ नई दिल्ली के रिश्तों में कड़वाहट देखने को मिली। इसके बाद से ही जस्टिन ट्रूडो की छवि कनाडा में भी धीरे-धीरे खराब होने लगी।
अपने देश में भी घिरे जस्टिन ट्रूडो
53 वर्षीय जस्टिन ट्रूडो ने नवंबर 2015 में कनाडा का पदभार संभाला। इसके बाद लगातार दो बार प्रधानमंत्री के चुनाव जीते । जिससे वे कनाडा के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री में से एक बन गए। लेकिन 2 साल पहले देश भर में बढ़ती महंगाई और चीजों की बढ़ती कीमतों के साथ आवास की कमी के कारण जनता में रोष बढ़ता चला गया। कनाडा में उनकी लोकप्रियता में गिरावट आनी शुरू हो गई और फिर किस्मत ने भी उनके साथ नहीं दिया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुडो कि उड़ाई खिल्ली
डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडाई प्रधानमंत्री को यह कह कर खिल्ली उड़ा दी कि कनाडा को वह अमेरिका का 51 वाँ राज्य बना देंगे। डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान को लोगों ने जस्टिन ट्रूडो की नाकामी समझा और उनके कमजोर होते नेतृत्व क्षमता को नकार दिया। एक बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति ने अमेरिका में प्रवासियों और नशीले पदार्थों के तस्करी को रोक नहीं लगने पर कनाडा के सभी वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने की बात भी कही गई है। एक सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि चुनाव में लिबरल्स पार्टी विपक्षी कंजरवेटिव्स से बुरी तरह हार जाएंगे। कनाडा में इसी वर्ष अक्टूबर के अंत तक चुनाव होने की उम्मीद है।