महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है। 2025 संगम के तट पर डुबकी लगाने के लिए आने वाले बहुत से भक्त परेशान हैं । क्योंकि रुकने की व्यवस्थाएं नहीं हो पा रही है। टेंट सीमित है और बुकिंग फुल हो चुकी है। और वैसे भी गवर्नमेंट के तरफ से जो टेंट बनाया गया है, वह काफी महंगे हैं। ऐसे में बहुत से श्रद्धालु ऐसे हैं जो एक दिन में ही पूरा प्रयागराज एक्सप्लोर करना चाहते हैं। अगर आप भी त्रिवेणी संगम में स्नान करना चाहते हैं और साथ ही साथ और भी टूरिस्ट प्लेस पर घूमना चाहते हैं, तो आज आपको इस लेख में इस पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
prayagraj famous tourist place :
आपको बता दे कि पूरे कुंभ क्षेत्र में कई ऐसे घाट बनाए गए हैं जहां आने वाले श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ऐसी व्यवस्था की गई है जिसमें आपको सामान्य दिनों में स्नान करने में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने वाली है। सिर्फ शाही स्नान के दिन लगभग 3 किलोमीटर दूर तक ट्रैफिक को रोका जा सकता है। अगर आप शाही स्नान वाले दिन महाकुंभ में स्नान करना चाहते हैं तो आपको थोड़ी परेशानी उठानी पड़ सकती है। क्योंकि पूज्य संतों के स्नान के बाद हीं त्रिवेणी संगम पर अन्य श्रद्धालुओं को स्नान करने का मौका मिलेगा। कुंभ क्षेत्र में आए आदरणीय संत और पूज्य गुरुओं के स्नान करने के बाद अन्य लोगों को स्नान करने का भरपूर समय मिलेगा
कब कब है शाही स्नान? prayagraj famous tourist place :
महाकुंभ 2024 में पहला शाही स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन, वही दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन है। तीसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को होगा। कुंभ का चौथा शाही स्नान वसंत पंचमी 3 फरवरी होगा। पांचवा शाही स्नान माघी पूर्णिमा पर किया जाएगा जो की 12 फरवरी को है। तू वही छठ और अंतिम शाही स्नान महाशिवरात्रि को 26 फरवरी के दिन होगा। अंतिम शाही स्नान के साथ ही कुंभ मेले की समापन भी हो जाएगी।
प्रयागराज में श्रद्धालुओं को घूमे जाने वाले प्रमुख स्थान (prayagraj famous tourist place)
लेटे हनुमान जी मंदिर (prayagraj famous tourist place) – कुंभ में स्नान करने के बाद आप लेटे हनुमान जी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। यह मंदिर त्रिवेणी संगम के पास ही है। कुंभ के समय यहां पर भिंड तो काफी मिलेगी फिर भी आपको आधे घंटे से लेकर 1 घंटे में आपको हनुमान जी की दर्शन हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यहां काफी व्यवस्थाएं की गई है। आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन करने में यहां कोई भी परेशानी नहीं होने वाली है।
अक्षय वट (prayagraj famous tourist place) – लेटे हनुमान मंदिर के पास में ही अक्षय वट वृक्ष है, जिसका दर्शन आप जरूर करें। अक्षय वट अकबर किले के अंदर मौजूद है। ऐसी मान्यता है की वनवास के समय में भगवान श्री रामचंद्र प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान करने के बाद इसी वट वृक्ष के नीचे तीन दिन तक विश्राम किए थे।
पातालपुरी मंदिर (prayagraj famous tourist place) – अक्षय वट के पास ही पातालपुरी मंदिर है जहां पर आप सीढ़ियों से नीचे उतरकर भगवान की अनेकों प्रतिमाओं की पूजा अर्चना और दर्शन कर सकते हैं।
आदि शंकर मंडपम मंदिर (prayagraj famous tourist place) – यह मंदिर भी त्रिवेणी संगम के पास ही स्थित है। यह एक बहुत ही पुरानी और वास्तुकला की दृष्टिकोण से बहुत ही खूबसूरत मंदिर है। यह बहुत ही बड़ा और बड़ा ही अद्भुत मंदिर है। यहां पर बालाजी की बहुत बड़ी मूर्ति और भव्य मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर के परिसर में कामाक्षी मंदिर भी स्थित है। इसी मंदिर में श्री योग सहस्त्र लिंगम एक बहुत ही भव्य विशाल शिवलिंग है । इसी विशाल शिवलिंग में हीं 1001 शिवलिंग समाहित है। इस प्रकार के शिवलिंग बहुत कम मिलते हैं।
श्री आलोप शंकरी शक्तिपीठ मंदिर (prayagraj famous tourist place)- यह मंदिर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है। प्रयागराज में माता रानी के शक्तिपीठ का दर्शन करने का सौभाग्य भी आपको मिलेगा। अगर आप प्रयागराज जाते हैं तो इन मंदिरों में माता रानी का दर्शन आवश्य करे।