Maharashtra Election Result
महाराष्ट्र में बीजेपी ने खेला कर दिया जहां उद्धव ठाकरे राहुल गांधी और शरद पवार जैसे नेताओं ने लोकसभा के आधार पर जीत का दावा कर रहे थे लेकिन अब नतीजे सामने आए तो उनके सारे दावे गलत साबित हो गए। अकेले अपने दम पर बीजेपी ने 133 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। वहीं महायुति गठबंधन ने कुल मिलाकर 288 में से 234 सीटों पर बंपर जीत हासिल की । वही दूसरी ओर कांग्रेस सहित उद्धव शिवसेना आदि नेताओं ने हार का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ना शुरू कर दिया।
संजय राउत की प्रतिक्रिया -:
उद्धव ग्रुप के प्रमुख नेता संजय राउत ने यह प्रतिक्रिया देते हुए कहा “बैलेट पेपर पर फिर से चुनाव कराए जाएं, महाराष्ट्र का परिणाम जनता का वोट नहीं है ऐसा परिणाम लागू नहीं किया जा सकता” संजय रावत ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर ही सवाल खड़े कर दिए। महायुति की जीत को भाजपा की चालाकी बताते हुए परिणाम को मानने से हीं इनकार कर दिया। उन्होंने इस जीत को राज्य की जनता के लिए बेईमानी बता दिया।
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की प्रतिक्रिया -:
वहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कांग्रेस की इतनी बुरी हार पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है की “ईवीएम पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए मुझे लगता है इस चुनाव का परिणाम अच्छा नही आया है यह हमारे लिए बड़ा सबक है ।” महाराष्ट्र के चुनाव की टाइमिंग पर भी सुप्रिया ने सवाल उठाए। उन्होंने आगे कहा की महाराष्ट्र में हमारा कैंपेन अच्छा था पर परिणाम आशा के विपरित आए। खुशी इस बात कि है की झारखंड में हमे सफलता मिली।
आइए जानते हैं महाराष्ट्र में किसको कितनी सीटें मिली।
कुल सीटों की संख्या 288 है। जिसमे महायुति गठबंधन में बीजेपी को 133 सीटें मिली। वही शिंदे गुट शिवसेना ने 57 सीटें तो अजीत पवार गुट ने कुल 41 सीटों के साथ बंपर जीत मिली है। अब बात करें महाविकास अघाड़ी की तो कांग्रेस को मात्र 25 सीटें , उद्धव गुट को 20 तो शरद पवार गुट को सिर्फ 10 सीटों पर संतोष करना पड़ा। शायद यही कारण की विपक्ष, महाराष्ट्र की जीत को मानने को तैयार नहीं है।
विरासत की राजनीती संभाल नहीं पाए उद्द्व ठाकरे :-
शिंदे गुट की शिवसेना ने इस चुनाव में 57 सीटों पर विजय प्राप्त की जबकि उद्धव गुट को सिर्फ 20 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा इससे यह सिद्ध हो जाता है कि उद्धव ठाकरे विरासत की राजनीति को संभाल नहीं पाए | वही बाला साहेब की राजनीती को आगे बढ़ने का काम एकनाथ शिंदे के उपर आ गया है और उन्होंने इस चुनाव में साबित भी कर दिया है | वहीँ उद्धव की राजनैतिक कॅरियर पर भी सवालिया निशान लगना शुरू हो गया है | बहरहाल देखना दिलचस्प होगा की महायुति के अंदर सत्ता का गुणा गणित कैसे बैठता है?
लेख -पवन मिश्रा