अमेरिकी सैन्य विमान से 104 अवैध भारतीयों का निर्वासन: हरियाणा, गुजरात,उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र और पंजाब के लोगों के टूटे ‘अमेरिकी सपने’

अमृतसर, 22 नवंबर 2023: अमेरिकी सरकार ने पहली बार एक सैन्य विमान (C-17 ग्लोबमास्टर) के जरिए 104 भारतीय नागरिकों को निर्वासित कर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचाया। इनमें ज्यादातर हरियाणा (35), गुजरात (33), पंजाब (31), उत्तर प्रदेश (3), और महाराष्ट्र (2) के निवासी शामिल हैं। निर्वासितों में 25 महिलाएं और 13 बच्चे भी हैं, जिनका अवैध रूप से अमेरिका पहुंचने का सपना धराशायी हो गया।

क्यों खास है यह निर्वासन?

  • पहली बार सैन्य विमान का उपयोग: अमेरिका ने पहली बार निर्वासन के लिए सैन्य विमान (C-17) का इस्तेमाल किया। अमेरिकी दूतावास के अनुसार, यह ट्रम्प प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासन रोकने के नए प्रयासों को दर्शाता है।
  • चौंकाने वाली कहानियां: कुछ निर्वासितों ने बताया कि उन्हें अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर गिरफ्तार किया गया। एक गुजराती परिवार ने दावा किया कि उन्होंने एजेंटों को 1 करोड़ रुपये चुकाए, जबकि पंजाब के एक युवक के परिवार ने उसे भेजने के लिए 42 लाख रुपये में जमीन बेच दी।

कैसे हुई निर्वासन प्रक्रिया?

  • हथकड़ी की अटकलें: पंजाब सरकार के अधिकारियों के अनुसार, कुछ वयस्कों को उड़ान के दौरान हथकड़ी लगाई गई, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई।
  • घर पहुंचाने की व्यवस्था: पंजाब और हरियाणा के लोगों को सड़क मार्ग से, जबकि गुजरात व अन्य राज्यों के नागरिकों को विमान से भेजा गया।

सरकार और प्रशासन की भूमिका

  • केंद्र सरकार का रुख: केंद्र ने कहा कि सभी निर्वासितों के पूर्ववृत्त की जांच बिडेन और ट्रम्प प्रशासन द्वारा की गई थी, और उन्हें वापस स्वीकार किया जाएगा।
  • जांच की तैयारी: पुलिस अब उन एजेंटों की पड़ताल करेगी, जिन्होंने अवैध रास्ते दिखाकर लाखों रुपये ऐंठे।

परिवारों का दर्द

  • सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी चरणजीत सिंह ने बताया कि उनका पोता अजयदीप कुछ महीने पहले ही मैक्सिको के रास्ते अमेरिका पहुंचा था। परिवार ने उसे भेजने के लिए जमीन बेची, लेकिन अब सब कुछ व्यर्थ हो गया।
  • कुछ परिवारों ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि उनके घर वापसी की खबर गुप्त रखी जाए, ताकि समाज में शर्मिंदगी न हो।

आगे क्या?

  • अमेरिका ने संकेत दिए हैं कि ऐसी और उड़ानें आ सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह निर्वासन अंतरराष्ट्रीय प्रवासन नीतियों में बदलाव का संकेत है।
  • पंजाब और हरियाणा सरकारें पीड़ित परिवारों को आर्थिक व मानसिक सहायता देने पर विचार कर रही हैं।

 यह घटना अवैध प्रवास के जोखिमों और एजेंटों द्वारा फैलाए गए झूठे सपनों को उजागर करती है। सरकारों को चाहिए कि वे युवाओं को रोजगार के स्थानीय अवसर देकर उन्हें जोखिम भरे रास्तों से बचाएं।

(इनपुट: Times of India)

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