आरा: तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में 25 करोड़ की सुनियोजित लूट; 20 मिनट में सबकुछ तहस-नहस।

बिहार के आरा में 25 करोड़ की लूट


आरा, 11 मार्च 2025

बिहार के भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में एक बड़ी आपराधिक घटना ने प्रशासन और पुलिस को हिलाकर रख दिया है। गुरुवार, 10 मार्च की सुबह, शहर के प्रतिष्ठित तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े 25 करोड़ रुपये की लूटपाट की। यह घटना न केवल अपराधियों की बढ़ती हिम्मत को उजागर करती है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। घटना के बाद पुलिस ने मुठभेड़ में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि शेष अपराधियों की तलाश जारी है।

घटना का विस्तृत ब्योरा: 20 मिनट में सबकुछ तहस-नहस

सुबह 10:15 बजे, जब तनिष्क ज्वेलरी शोरूम ने अपने दरवाजे ग्राहकों के लिए खोले, तभी छह से आठ हथियारबंद युवक ग्राहकों का भेष बनाकर अंदर घुस गए। चश्मदीदों के मुताबिक, अपराधियों ने एक साथ सुरक्षा गार्ड और कर्मचारियों को पिस्तौल की नोक पर काबू किया। उन्होंने सभी को एक कोने में बैठने को मजबूर कर दिया और शोकेस व लॉकर तोड़कर हीरे-सोने के जेवरात लूट लिए।

घटना की रिकॉर्डिंग कर रहे सीसीटीवी कैमरों को नष्ट करने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ फुटेज बच गए, जिसमें अपराधियों के चेहरे मास्क से ढके हुए थे। लूट का यह सिलसिला महज 20 मिनट में पूरा हुआ। बाद में, फर्जी नंबर प्लेट लगी दो कारों से भागते समय आरोपियों ने शहर के व्यस्त इलाकों का रुख किया, ताकि पुलिस उनका पीछा न कर सके।

पुलिस की कार्रवाई: मुठभेड़ और गिरफ्तारी

घटना की सूचना मिलते ही भोजपुर के एसपी राज कुमार और एएसपी परिचय कुमार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए शहर के सभी निकास मार्गों पर नाकाबंदी शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल टावर डेटा के आधार पर संदिग्धों की गतिविधियों को ट्रैक किया गया।

दोपहर 2:30 बजे, बड़हरा थाना क्षेत्र के बबुरा इलाके में पुलिस और आरोपियों के बीच मुठभेड़ हुई। गोलीबारी में दो आरोपी घायल हुए, जिन्हें गिरफ्तार कर बड़हरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। पुलिस ने उन्हें कुणाल कुमार (28) और विशाल कुमार (32) के रूप में पहचाना है, जो पटना और आसपास के इलाकों में चोरी-डकैती के लिए जाने जाते हैं। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उन्होंने गैंग के बाकी सदस्यों के नाम उगलने से इनकार कर दिया है।

अपराधियों की स्ट्रैटेजी: रेकी से लेकर भागने तक

जांच में खुलासा हुआ है कि अपराधियों ने इस घटना को अंजाम देने से पहले कई हफ्तों तक रेकी की थी। वे शोरूम के सुरक्षा प्रोटोकॉल, कर्मचारियों की शिफ्ट टाइमिंग, और सीसीटीवी कैमरों की एंगल से वाकिफ थे। एक स्थानीय सूत्र ने बताया कि लुटेरों ने पिछले महीने कई बार ग्राहक बनकर शोरूम का मुआयना किया था।

भागने के लिए चुने गए रास्ते भी सोच-समझकर तय किए गए थे। अपराधियों ने शहर के बीचोंबीच होने वाले ट्रैफिक जाम का फायदा उठाया और पुलिस को भ्रमित करने के लिए अलग-अलग दिशाओं में भागे। पुलिस को शक है कि इन्हें किसी स्थानीय व्यक्ति ने शहर के रास्तों की जानकारी दी होगी।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल: “112 हेल्पलाइन निष्क्रिय”

घटना ने एक बार फिर बिहार की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ज्वेलरी शोरूम की कर्मचारी सिमरन कौर ने बताया, “हमने 112 पर 5 बार कॉल किया, लेकिन 30 मिनट तक कोई पुलिसकर्मी नहीं आया।” इसी तरह, सुरक्षा गार्ड रमेश सिंह ने कहा, “अपराधियों के पास AK-47 जैसे भारी हथियार थे, जबकि हमारे पास सिर्फ लाठी!”

स्थानीय व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने कहा, “यह आरा में पिछले तीन सालों में ज्वेलरी दुकानों पर हुई चौथी बड़ी लूट है। प्रशासन ने सबक नहीं लिया।” उन्होंने बताया कि 2022 में सर्राफा बाजार में 12 करोड़ और 2023 में एक शोरूम में 18 करोड़ की लूट हुई थी, लेकिन अधिकांश मामलों में आरोपी बरी हो गए।

व्यापारियों का आक्रोश: “अब अपनी सुरक्षा खुद करेंगे”

लूट की खबर फैलते ही शहर के व्यापारियों ने बाजार बंद कर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की। कई दुकानदारों ने कहा कि वे अब निजी सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेंगे, क्योंकि पुलिस पर भरोसा उठ चुका है।

वहीं, स्थानीय युवाओं ने सोशल मीडिया पर #ShameOnBiharPolice अभियान चलाया, जिसमें राज्य सरकार से कानून-व्यवस्था सुधारने की मांग की गई।

सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया: “गुंडों को नहीं बख्शेंगे”

घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा, “आरा की घटना गंभीर है। पुलिस को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अपराधियों को पकड़ने तक हम नहीं थकेंगे।” इसके साथ ही, गृह विभाग ने आरा समेत पटना, गया और मुजफ्फरपुर में विशेष चेकपोस्ट लगाने का आदेश दिया है।

भोजपुर के एसपी राज कुमार ने बताया कि लूट की जांच के लिए SIT गठित की गई है, जो फोरेंसिक टीम और साइबर एक्सपर्ट्स के साथ काम करेगी। उन्होंने कहा, “हमने कुछ हीरों पर नैनो-ट्रैकर लगे होने की जानकारी दी है। इससे लूट के माल का पता लगाया जा सकता है।”

भविष्य की रणनीति: क्या बदलेगा?

इस घटना के बाद पुलिस ने शहर के सभी बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा समीक्षा शुरू की है। प्रस्तावित उपायों में शामिल हैं:

  1. ज्वेलरी शोरूम्स में अनिवार्य सशस्त्र सुरक्षा गार्ड।
  2. सीसीटीवी कैमरों को पुलिस कंट्रोल रूम से सीधे जोड़ना।
  3. आपातकालीन बटन की सुविधा, जो सीधे थाने से कनेक्ट होगी।

इसके अलावा, पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत दें।

सिस्टम में सुधार की जरूरत

आरा की यह घटना न सिर्फ 25 करोड़ की लूट है, बल्कि आम जनता के विश्वास की लूट भी है। जब तक प्रशासन सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित नहीं करता, ऐसी वारदातें थमने वाली नहीं हैं। गिरफ्तार आरोपियों से मिल रही जानकारी और बरामद होने वाले सबूत ही भविष्य की राह तय करेंगे।

— संवाददाता, आरा

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