पाकिस्तान के 18 परमाणु वैज्ञानिक अगवा, एशिया में परमाणु खतरा बढ़ने की आशंका।

Big tension for Pakistan, TTP abducts 16 Pakistani nuclear scientists
पाकिस्तान को यह लगा था कि अफगानिस्तान से अशरफ करने की सरकार के जाने और तालिबान के आने के बाद वहां उसकी पकड़ मजबूत होगी 15 अगस्त 2021 को जब तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने नियंत्रण में लिया तो पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि अफगानिस्तान के लोगों ने गुलामी तोड़ दी है। पाकिस्तान में जश्न का माहौल था। लेकिन पिछले 4 सालों में चीज तेजी से बदली है अब पाकिस्तान और तालिबान आमने-सामने है। दोनों ओर से एक दूसरे पर हमले हो रहे हैं।

पाकिस्तान के 18 परमाणु वैज्ञानिक अगवा!
इन्हीं खबरों के बीच पाकिस्तान से एक चौका देने वाली खबर सामने आ रही है। जिसमें बताया जा रहा है कि तारीख ए तालिबान पकिस्तान नामक आतंकवादी संगठन ने पाकिस्तान के 18 परमाणु वैज्ञानिकों को पकड़ कर अपने साथ ले गए हैं। यह पाकिस्तान की ऐसे 18 वैज्ञानिक है जो कि पाकिस्तान के लिए परमाणु अनुसंधान का काम करते थे। पाकिस्तान का पूरा न्यूक्लियर प्रोग्राम जिसमें भारी मिसाइल और बमों को बनाया जाता है, उसे प्रोग्राम में शामिल टॉप की 18 वैज्ञानिकों को तालिबान ने पकड़ लिया है। अब भी वैज्ञानिक टीटीपी के कब्जे में बताई जा रहे हैं।


पाकिस्तान की तरफ से इस तरह की खबरों को छुपाने का पूरा इरादा था, परंतु बंधक बनाए तालिबानियों ने इन वैज्ञानिकों की वीडियो जारी की है। इस वीडियो में वैज्ञानिकों और उनके आईडी कार्ड को दिखाया गया है, जिससे इस खबर की पुष्टि हुई कि यह पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में रिसर्च की भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक हैं। यहां तक की पाकिस्तान के लिए परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में भी इन वैज्ञानिकों की भागीदारी होती है। खबरों के मुताबिक इन वैज्ञानिकों को पाकिस्तान के किसी बड़े कार्यालय पर हमला करते हुए पकड़ा गया है।

हो सकती है गंभीर खतरे की स्थिति
वैज्ञानिकों पर हमले पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता का विषय है । इससे भी ज्यादा गंभीर विषय है कि, अगर आतंकवादियों ने परमाणु हथियार में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम पर कब्जा कर लिया तो वह इसे कितने घातक हथियार बना सकते हैं। यही नहीं इन हथियारों की मदद से आसपास के अन्य देशों में भी खतरे की स्थिति हो सकती है। खबर यह भी है कि तालिबान की लड़ाके परमाणु हथियार में इस्तेमाल होने वाले सामग्री को भी अपने साथ लेकर गए हैं। यह पाकिस्तान ही नहीं बल्कि आसपास के पूरे हिस्से के लिए बेहद खतरनाक बात है।


तहरीक ए तालिबान पकिस्तान आतंकवादियों की एक ऐसी शाखा है जो पाकिस्तान के अंदर पिछले कई सालों से हमले कर रही है। इनका इरादा यह है कि पाकिस्तान की सरकार और सेना को खत्म करके पाकिस्तान के अंदर भी, अफगानिस्तान जैसे एक इस्लामी शासन लाया जाए। इसको लेकर यह पाकिस्तान की सेना को अपना दुश्मन मानते हैं। इसीलिए तालिबान के हाथों यूरेनियम का बड़ा हिस्सा लग जाता है, तो सिर्फ पाकिस्तान के लिए नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।


इसी के साथ अब यह भी चर्चा शुरू होगी कि क्या पाकिस्तान जैसे एक गैर जिम्मेदाराना देश के पास के पास न्यूक्लियर बम होने भी चाहिए या फिर नहीं? अगर यह बात कंफर्म होती है कि तालिबान के लड़के, सच में यूरेनियम लूट कर दे गए हैं, तो ऐसे में अमेरिका और तमाम पश्चिमी देश पाकिस्तान से न्यूक्लियर हथियार वापस लेने पर बातचीत भी शुरू कर सकते हैं। यानी कि पाकिस्तान से परमाणु बम और परमाणु टेक्नोलॉजी वापस लेने की यहां पर चर्चा भी शुरू हो सकती है। पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों और अब वैज्ञानिकों के अगवा होने से परमाणु टेक्नोलॉजी को भी गुप्त रखने में पूरी तरह से असफल साबित हुआ है। बताया जाता है कि यूरेनियम का एक छोटा हिस्सा भी भारी तबाही मचाने में सक्षम होता है। आतंकियों के हाथ इस तरीके का हथियार लग जाना बड़ी चिंता पैदा करता है।


क्या है टीटीपी की मांग
तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के लड़ाको ने यह मांग की है कि पाकिस्तान की सेना ने जितने भी उनके लोगों को गिरफ्तार किया है, वह उन्हें वापस चाहिए। अगर पाकिस्तान उनकी शर्तों को मान लेता है तो यह आतंकी पाकिस्तान की न्यूक्लियर साइंटिस्ट को आजाद कर देंगे।

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