Buxar Bihar / बक्सर/Battle of Buxar /
बक्सर जिला बिहार राज्य के पश्चिमी भाग में उत्तर प्रदेश से सटा हुआ एक ऐतिहासिक शहर है। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खेती पर निर्भर है। इस शहर की पहचान प्रमुख धार्मिक स्थलों से है। प्राचीन काल में इस शहर का नाम “व्याघ्रसर” था। बक्सर शहर पटना से लगभग 131 किलोमीटर पश्चिम और मुगलसराय से लगभग 110 किलोमीटर पूर्व में रेलवे लाइन पर स्थित है।
बक्सर का इतिहास
इतिहासकारों ने बक्सर को रामायण काल से भी पुराना बतलाया है। रामायण में वर्णित है कि प्रभु श्री रामचंद्र और लक्ष्मण जी गुरु विश्वामित्र के साथ बक्सर आए थे और यहीं पर उन्होंने तड़का नमक राक्षसी का वध किया था। बक्सर गंगा जी के पावन तट के किनारे बसा हुआ है । बक्सर की पावन भूमि, साधु संतों की तपोस्थली रही है और सिद्धाश्रम होने की वजह से यहां पर हमेशा दिव्या संतों का आगमन और निवास होता आया है। यहीं पर भगवान श्री रामचंद्र ने माता अहिल्या को श्राप मुक्त कर पत्थर से पुनः स्त्री रूप में परिवर्तित किए थे।

बक्सर का युद्ध (Battle of Buxar)
बक्सर के युद्ध को 22 अक्टूबर 1764 में बंगाल की नवाब मीर कासिम, अवध के नवाब शुजा उद दौला और मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के सम्मिलित सेनाओं और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुआ था। इस युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत हुई थी। माना जाता है कि इस निर्णायक युद्ध के बाद, ब्रिटिश राज या ब्रिटिश उपनिवेशीकरण की शुरुआत हुई थी।
बक्सर जिले की स्थापना 17 मार्च 1991 को हुई थी। इससे पहले यह भोजपुर जिले का अनुमंडल था। बक्सर जिले की प्रमुख नदियां गंगा, कर्मनाशा तथा धर्मावती है।
घूमने के प्रमुख स्थल
रामरेखा घाट
यह बक्सर नदी के किनारे स्थित काफी पवित्र घाट है। मान्यता है कि भगवान राम इस घाट से ही होकर विश्वामित्र ऋषि के साथ आए थे, तब से इसका नाम रामरेखा घाट हो गया। यह घाट भगवान राम के नाम समर्पित है।
श्री नाथ बाबा मंदिर
श्रीनाथ बाबा मंदिर, बक्सर जिले का बड़ा और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह गंगा नदी के किनारे स्थित बहुत ही मनोरम स्थान है। यह मंदिर भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का बहुत ही अद्भुत मंदिर है। श्रद्धालु गंगा नदी में स्नान करने के बाद इस मंदिर में जाकर भगवान शंकर को जल अर्पित करते हैं। इस मंदिर में सिर्फ बक्सर बासी ही नहीं बल्कि अगल-बगल के क्षेत्र के सभी लोग अपने मनोकामना की पूर्ति के लिए इस मंदिर में आते हैं।
नौ-लखा मंदिर
यह मंदिर अति प्राचीन होने के साथ-साथ बहुत ही खूबसूरत है। इस मंदिर को दर्शन करने सिर्फ आसपास के श्रद्धालु ही नहीं बल्कि दूर-दूर से पर्यटक भी आते हैं। मंदिर की वास्तुकला देखने योग्य है।
बक्सर कीला – बक्सर में स्थित बक्सर के किले का अवशेष अभी भी मौजूद है जो कभी सत्ता का केंद्र हुआ करते थे परंतु आज सिर्फ इसके अवशेष बचे हुए हैं। यह एक ऐतिहासिक स्थल है इसलिए पर्यटक इसे देखना पसंद करते हैं। यह किला गंगा नदी के किनारे स्थित है।
राजा भोज का किला – यह किला बक्सर जिला के चुनिंदा पर्यटन स्थल में से एक है यह किला भोजवंशी राजाओं द्वारा बनवाया गया था परंतु वर्तमान में यह पूरी तरह से खंडहर प्रतीत होता है । यह पूर्ण रूप से जर्जर हो चुका है। वर्तमान में इस किले का अवशेष ही देखने को मिलता है। फिर भी यह स्थल लोगों के लिए कौतूहल का विषय बना रहता है, लोग इसे देखने के लिए आते हैं।
सीताराम उपाध्याय म्यूजियम बक्सर – यह संग्रहालय रामरेखा घाट के पास ही स्थित है। इसकी स्थापना वर्ष 1979 में हुई थी इस संग्रहालय में प्राचीनतम मूर्तियां सिक्के और अन्य पांडुलिपियों को सुरक्षित रखा गया है।
बिहारी जी मंदिर डुमरांव
बिहारी जी मंदिर बक्सर जिले के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह स्थल बक्सर मुख्य शहर से 15 किलोमीटर दूर डुमरांव नामक स्थान पर स्थित है। इसका निर्माण राजा जयप्रकाश सिंह के द्वारा वर्ष 1825 ईस्वी में कराया गया था। इसे राजा के गढ़ के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह राजाओं की प्रसिद्ध मंदिर के साथ-साथ सत्ता का केंद्र भी था। यह आज भी अपने मूल रूप में स्थित है।