वर्तमान समय में भारत के पड़ोसियों के साथ तनावपूर्ण संबंधों की खबरें अक्सर सुर्खियां बनती है। हाल में ही भारत और बांग्लादेश के तनावपूर्ण संबंध की खबरे अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाई हुई है। सिर्फ बांग्लादेशी नहीं भारत के लगभग सारे पड़ोसी देशों में भारत के खिलाफ लगातार विरोध ही नजर आ रहा है। चाहे आप नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, म्यांमार की बात करें या फिर मालदीव की । इन सभी देशों में एक खास चीज नजर आ रही है, भारत के खिलाफ कहीं ना कहीं कोई प्रोपेगेंडा चल ही रहा है।
अब मन में यह सवाल उठता है कि क्या भारत की विदेश नीति हमारे पड़ोसियों के साथ ठीक नहीं है? आखिर ऐसी कहां चूक हुई कि हमारे सभी पड़ोसी देश हमारे लिए ही मुसीबत बन जाते हैं ? इसका जवाब यह है की अमेरिका और चीन के द्वारा भारत के पड़ोसियों को एक खास प्रोपेगेंडा के तहत भड़काया जा रहा है। आईए जानते हैं की दुनिया की शीर्ष दो अर्थव्यवस्था चीन और अमेरिका, भारत के खिलाफ क्यों काम कर रहें है?
भारत को कमजोर करने की है चाल।
वर्तमान में भारत विश्व के कुछ महत्वपूर्ण देश की तुलना में अच्छे विकास दर से ग्रोथ कर रहा है। दुनिया की कई सर्वश्रेष्ठ एजेंसियों ने भारत के विकास दर को चीन और अमेरिका से भी अच्छा बताया है। भारत का मजबूत होना दुनिया के इन देशों के लिए कहीं ना कहीं मुसीबत बनता नजर आ रहा है। इसी बढ़ती हुई मुसीबत को रोकने के लिए भारत के पड़ोसी देशों का इस्तेमाल टूल के रूप में किया जा रहा है।
भारत को घेरने के लिए का क्या है चीन की चाल।
चीन जो खुद प्रशांत महासागर के कई क्षेत्रों में अपना वर्चस्व रखता है। वह भारत को घेरने के लिए हिंद महासागर की विभिन्न देशों में भी अपने कई बंदरगाह स्थापित किया। चाहे चीन पाकिस्तान इकोनामिक कॉरिडोर के जरिए ग्वादर बंदरगाह हो अथवा श्रीलंका के अंदर हंबनटोटा बंदरगाह । हाल में ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइजू साथ मिलकर चीन ने भारत के खिलाफ इंडिया आउट के अभियान को खूब समर्थन दिया। भारत को घेरने के लिए चीन कोई मौका नहीं छोड़ता।
भारत के पड़ोस में अमेरिका का प्रभाव।
वर्तमान में इसका ताजा उदाहरण बांग्लादेश है । बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अमेरिका पर एक बयान जारी करती हैं कि अमरीका बांग्लादेश में एक मिलिट्री बेस बनाने की इच्छा रखता है। भारत के इतने नजदीक मिलिट्री बेस बनाने में अमेरिका का क्या स्वार्थ हो सकता है, यह समझा जा सकता है। संयोगवश इस बयान के कुछ ही दिन बाद शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़कर भागना पड़ता है और वहां पर कुछ इस्लामी चरमपंथियों का शासन हो जाता है और भारतीय हिंदुओं पर हमले बढ़ जाते हैं।
इन सभी विदेशी गतिविधियों से साफ नजर आता है कि भारत का बढ़ता हुआ कद कुछ देशों को रास नहीं आ रहा है। अपना हित साधने के लिए पड़ोसी देशों को भारत को कमजोर करने के लिए उपयोग किया जा रहा है। भारत को इन सभी गतिविधियों से निपटने के लिए अपने पड़ोसी देशों में विश्वास जागने होंगे, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सके।
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