Site icon webbharatnews.com

UK की 200 कंपनियों ने अपनाया “Four-Day Work Week”: वेतन में कोई कटौती नहीं।

https://webbharatnews.com/https-webbharatnews-com-four-day-work-week-without-cutting-salaries/

नई दिल्ली: ब्रिटेन की कार्य संस्कृति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम (यूके) में कम से कम 200 कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए स्थायी रूप से चार दिवसीय कार्य सप्ताह (Four-Day Work Week) लागू कर दिया है। इस पहल में खास बात यह है कि कर्मचारियों के वेतन में कोई कटौती नहीं की गई है, बल्कि उनकी उत्पादकता बढ़ाने का दावा किया जा रहा है।

चार दिवसीय कार्य सप्ताह(Four-Day Work Week) : क्यों लिया गया यह निर्णय?

चार दिवसीय कार्य सप्ताह को अपनाने के पीछे मुख्य कारण कर्मचारियों की वर्क-लाइफ बैलेंस को सुधारना और उनकी उत्पादकता को बढ़ाना है। ‘4 डे वीक फाउंडेशन’ नामक गैर-लाभकारी संस्था इस अभियान का नेतृत्व कर रही है। इस फाउंडेशन के अनुसार, पारंपरिक पांच दिवसीय कार्य सप्ताह अब पुरानी प्रणाली बन चुकी है और इसे आधुनिक समय के अनुरूप अपडेट करने की आवश्यकता है।

यूके में कौन-सी कंपनियां इस बदलाव को अपना रही हैं?

4 डे वीक फाउंडेशन के अभियान निदेशक जो राइल का कहना है कि, “चार दिवसीय कार्य सप्ताह (Four-Day Work Week) से कर्मचारियों को 50% अधिक खाली समय मिलता है, जिससे वे अपने व्यक्तिगत जीवन को अधिक बेहतर बना सकते हैं। इससे कंपनियों को भी फायदा होता है क्योंकि कर्मचारी अधिक खुश और उत्पादक होते हैं।”

चार दिवसीय कार्य सप्ताह (Four-Day Work Week) कैसे काम करता है?

  1. कर्मचारियों के कुल कार्य घंटे 20% घटा दिए जाते हैं (जैसे 40 घंटे से घटाकर 32 घंटे)।
  2. वेतन और अन्य लाभों में कोई कटौती नहीं की जाती
  3. कंपनियां कर्मचारियों से अपेक्षा करती हैं कि वे पहले जितना ही काम करें, लेकिन अधिक फोकस और कुशलता के साथ

चार दिवसीय कार्य सप्ताह (Four-Day Work Week) के फायदे

क्या भारत में यह मॉडल लागू किया जा सकता है?

भारत में कार्य संस्कृति को लेकर अलग-अलग विचारधाराएँ देखने को मिलती हैं। हाल ही में भारतीय उद्योग जगत के कुछ नेताओं ने 70-90 घंटे के कार्य सप्ताह की वकालत की थी, जिससे यह बहस और तेज हो गई कि लंबा काम करना उत्पादकता बढ़ाने का सही तरीका है या नहीं।

भारत में इस मॉडल को अपनाने की संभावनाएँ और चुनौतियाँ: (Four-Day Work Week)

दुनिया भर में चार दिवसीय कार्य सप्ताह का ट्रेंड

यूके के अलावा कई अन्य देशों में भी चार दिवसीय कार्य सप्ताह को अपनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

क्या भारतीय कंपनियाँ इस बदलाव को अपनाएँगी?

भारत में यह मॉडल अभी नया है, लेकिन कुछ स्टार्टअप और आईटी कंपनियाँ इस पर प्रयोग कर रही हैं। उदाहरण के लिए:

कार्य संस्कृति का भविष्य (Four-Day Work Week)

चार दिवसीय कार्य सप्ताह कोई असंभव विचार नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में कार्य संस्कृति के भविष्य की दिशा दिखाता है। कर्मचारी अब केवल वेतन और नौकरी की सुरक्षा नहीं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी चाहते हैं। जैसे-जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ऑटोमेशन बढ़ेगा, कार्य घंटों का मॉडल और बदलेगा। भारत को भी इस बहस में पीछे नहीं रहना चाहिए और अपने कार्य वातावरण को अधिक लचीला और उत्पादक बनाने के लिए नए प्रयोग करने चाहिए।

Exit mobile version