Independence Day was celebrated on 26th January till 18 years before independence! Know interesting facts about Republic Day.
हम सभी जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ, और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की आजादी से पहले 18 साल तक 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था? इस तथ्य के पीछे का इतिहास काफी रोचक और प्रेरणादायक है।
26 जनवरी की शुरुआत
1929 में लाहौर अधिवेशन के दौरान पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के किनारे कांग्रेस अधिवेशन में शिरकत की थी। इस अधिवेशन में पहली बार तिरंगा फहराया गया और “पूर्ण स्वराज” का नारा दिया गया। पंडित नेहरू ने कहा, “अब ब्रिटिश हुकूमत के सामने झुकना, ईश्वर और इंसान दोनों के खिलाफ अपराध है।” इसके बाद, 26 जनवरी 1930 को देश ने पहली बार “संपूर्ण स्वराज” दिवस मनाया।
26 जनवरी का प्रतीकात्मक महत्व
हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की शपथ ली गई। यह निर्णय केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि ब्रिटिश हुकूमत पर मनोवैज्ञानिक दबाव डालने का एक प्रयास था। इस दिन को मनाने से स्वतंत्रता सेनानियों और आम जनता में जोश और उत्साह भर गया।
15 अगस्त और 26 जनवरी का संबंध
1947 में जब देश को आजादी मिली, तो तारीख 15 अगस्त थी। हालांकि, स्वतंत्रता सेनानियों के लिए 26 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता को भुलाया नहीं जा सकता था। इसी वजह से जब देश का संविधान तैयार हुआ, तो इसे 26 जनवरी 1950 को लागू करने का निर्णय लिया गया।
गणतंत्र की स्थापना
26 जनवरी 1950 को भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराकर भारतीय गणराज्य की नींव रखी। इस दिन से भारत एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया। इस समारोह में सरदार पटेल, पंडित नेहरू, और अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
26 जनवरी का महत्व
26 जनवरी अब हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह केवल संविधान लागू होने का दिन नहीं है, बल्कि इस दिन भारत ने अपनी संप्रभुता, लोकतंत्र और एकता का परिचय दिया।
यह इतिहास हमें सिखाता है कि आजादी की लड़ाई केवल एक दिन का संघर्ष नहीं था, बल्कि यह सालों की तपस्या, समर्पण और बलिदान का परिणाम था।