बांग्लादेश की पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकी के साथ भारत ने किया बड़ा खेल, फँस गया बांग्लादेश !

बांग्लादेश पर भारत ने हाल ही में एक ऐसा काम कर दिया है, जिसका बुरा प्रभाव आने वाले कुछ दिनों में दिखने वाला है। दरअसल सबके सामने तो बांग्लादेश यह दिखा रहा है कि, वह भारत से डरता नहीं है। लेकिन परदे के पीछे इसकी सच्चाई कुछ और ही है। परदे के पीछे बांग्लादेश भारत से ही भीख मांग रहा है। हाल ही में उनके हालात इस हद तक पहुंच गए हैं कि, इन्होंने चुपचाप 50000 टन चावल भारत से मांग लिया। लेकिन भारत भी खेल करने के मामले में कभी पीछे नहीं भागता। इधर बांग्लादेश ने 50000 टन चावल की मदद भारत से मांगा, तो भारत ने इनकी बातों को अनदेखा कर दिया। लेकिन वहीं दूसरी तरफ बिना मांगे भारत ने यही चावल कहीं और भेज दिया। जिससे भारत को अकड़ दिखाने वाले बांग्लादेश की होश ठिकाने लग गए हैं ।

भारत पर निर्भर बांग्लादेश (India Bangladesh Relations)
दरअसल देखा जाए तो बांग्लादेश की जो जरूरत है पूरी होती हैं वह भारत के द्वारा अभी तक पूरी होती आई है। एक आंकड़े के अनुसार यह बात मालूम चली की बांग्लादेश अपनी 94% जरूरत के लिए भारत पर निर्भर है। फिर चाहे रोजमर्रा की जरूरत हो या फिर खाने पीने की वस्तुएं। यहां तक कि अगर बांग्लादेश की सड़कों पर गाड़ियां बसे और ट्रक चल रही है तो भी यह सब भारत के बल बूते। बांग्लादेश में चल रही गाड़ियां भले ही बांग्लादेश की फैक्टरीज में बनाई गई है, लेकिन उसमें लगाए गए एक-एक पार्ट्स मेड इन इंडिया है। उसे भारत ने बांग्लादेश को सप्लाई किया है।

भारत का एक्सपोर्ट बांग्लादेश में बंद (India Bangladesh Relations)
हाल ही में जिस तरीके से बांग्लादेश ने भारत के बिहार बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यों पर कब्जा करने की बात कही उससे भारत इस बार बांग्लादेश के खिलाफ आग बबूला हो गया। यहां तक की बांग्लादेश ने इंडियन बॉर्डर पर जो ड्रोन तैनात किया था, उसका जवाब और चुनौती देने के लिए भारत ने भी इजराइल से खरीदे गए पावरफुल हैरान ड्रोन को पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी बॉर्डर के करीब तैनात कर दिया है। ताकि बांग्लादेश की हरकतों को बेनकाब किया जा सके। इतना ही नहीं बल्कि अब भारत की तरफ से बांग्लादेश को उसकी हिमाकत का जवाब देने के लिए भारत के एक्सपोर्टर भी गुस्से में आ गए। वर्तमान समय में काफी हद तक भारत का एक्सपोर्ट बांग्लादेश में बंद हो चुका है। खासकर खाने-पीने की वस्तुओं का एक्सपोर्ट बांग्लादेश में बहुत ही कम हो पा रहा है।

बांग्लादेश में आसमान छूती महंगाई (India Bangladesh Relations)
इसके दो सबसे बड़े रीजन है पहले तो यह है कि बांग्लादेश भारत से भिड़ने की कोशिश कर रहा है और दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है कि भारतीय एक्सपोर्टर खुद बांग्लादेश को कोई भी सामान भेजने में दिलचस्पी नहीं रखते। बताया जाता है कि बांग्लादेश की तरफ से जो इसका पेमेंट है, वह नहीं हो पा रहा है। जिससे इंडियन एक्सपोर्टर भी बांग्लादेश के खिलाफ गुस्से में है। ऐसे में कोई भी इंडियन एक्सपोर्टर बांग्लादेश को समान नहीं भेजना चाहता। इसका परिणाम यह देखने को मिल रहा है कि बांग्लादेश में भोजन और दूध की काफी ज्यादा कमी होने से महंगाई आसमान की ऊंचाई छू रही है।

पाकिस्तान से बढ़ती नजदीकी (India Bangladesh Relations)
इतने में भी बांग्लादेश की अकड़ काम होते हुए नहीं दिखाई दे रही है, भारत से मदद मांगने के बजाय उसने पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ते हुए उससे मदद की उम्मीद लगा रहा है। अब बांग्लादेश ने यह फैसला किया है कि वह पाकिस्तान से 50000 टन चीनी की खरीद करेगा। बांग्लादेश कह रहा है रहे हैं कि हम पाकिस्तान से चीनी खरीद कर अपनी जरूरत को पूरी कर लेंगे तो यह भारत को आंख दिखाने की साजिश नहीं तो और क्या है । एक कैलकुलेशन के हिसाब से लगभग 377000 मेट्रिक टन चीनी भारत ने पिछले 1 साल में बांग्लादेश को भेजा है जिसकी वैल्यूएशन ओवरऑल 1.7 बिलियन देखने को मिलती है।बांग्लादेश का भारत से चीनी ना लेना, यह भारत के लिए बहुत बड़ा झटका था। परंतु हद तो तब हो गई जब बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने पाकिस्तान से आलू प्याज और चावल जैसे अन्य अनाजों को भी पाकिस्तान से खरीदने का फैसला ले लिया। यहां तक की पाकिस्तान से बांग्लादेश में सामानों को इंपोर्ट करने के लिए इन्होंने सारे दरवाजे ही खोल दिए । साथ ही पाकिस्तान पर बांग्लादेश के द्वारा जो पहले इंपोर्ट ड्यूटी और रिस्ट्रिक्शंस लगाई गई थी, उसे सभी को मोहम्मद यूनुस ने हटा दिया यानी कि अब पाकिस्तान से आए हुए सामानों को चेक भी नहीं किया जाएगा।

पाकिस्तान से व्यापार घाटे का सौदा (India Bangladesh Relations)
पाकिस्तान को बांग्लादेश इतनी अहमियत दे रहा था तो पाकिस्तान ने भी बांग्लादेश में इस खुशी के साथ पहले शिपमेंट भेजी। लेकिन जब पहले शिपमेंट का बिल बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस के सामने पेश किया गया तो रास्ते का भाड़ा देखकर पैरों तले जमीन ही खिसक गई। दरअसल भारत और बांग्लादेश दोनों साथ ही जुड़े हैं, इसलिए डायरेक्टली ट्रांसपोर्ट के ज़रिए भारत से अनाजों को बांग्लादेश में भेज दिया जाता था। लेकिन जब बांग्लादेश में पाकिस्तान से शिपमेंट मंगाया गया तो सामान को बड़े जहाजों पर लौड करके अरब सागर और हिंद महासागर से होते हुए बंगाल की खाड़ी के रास्ते बांग्लादेश पहुंचा । जो की एक बहुत ही लंबी दूरी हो जाती है।

भारत से की चावल की मांग (India Bangladesh Relations)
इसीलिए जब इन्हें चावल की जरूरत पड़ी है तो परदे के पीछे से इन्होंने भारत से 50000 टन चावल मांग लिया है लेकिन गजब तो तब हो गया जब भारत ने बांग्लादेश को बेनकाब करना शुरू कर दिया है। क्योंकि चावलतो बांग्लादेश ने मांगा लेकिन भारत ने इस चावल को कहीं और ही भेज दिया। असल में देखा जाए तो बांग्लादेश अब स्वार्थी और लालची बन चुका है। जब बांग्लादेश ने भारत से चुपचाप 50000 टन चावल की मांग सस्ते दर पर की है लेकिन फिलहाल भारत ने इनकी बातों को अनदेखा कर दिया।

भारत ने किया खेल (India Bangladesh Relations)

उसके बाद जो खेला हुआ, वह बांग्लादेश को झुकने पर मजबूर कर देगी। क्योंकि भारत ने बिना मांगे ही अफ्रीका के एक देश लेसोथो को 1000 टन चावल हाल ही में भेज दिया है । आपको बता दें कि लेसोथो अफ्रीका का एक छोटा सा देश है। यहां पर सुखा और अकाल पड़ने के कारण काफी बड़ा खाद्य संकट आ गया है। जिसके कारण इस देश में खाने-पीने की काफी ज्यादा कमी आ गई है । लेकिन भारत ने बिना मांगे हाल ही में 1000 टन चावल की मदद इस देश में भेज दिया है। ताकि इस देश के लोगों का पेट भरा जा सके। यानी कि भारत वह देश है जो कि बिना स्वार्थ की मदद करता है।


वैसे देखा जाए तो पहले बांग्लादेश की भी काफी ज्यादा मदद भारत ने किया था। लेकिन बांग्लादेश एहसान फरामोश निकला। बांग्लादेश को यह पता होना चाहिए कि इस समय अगर उनकी कोई मदद कर सकता है, तो वह केवल भारत है। भारत से पंगा लेंगे तो एक्शन में आने के बाद रातों-रात बांग्लादेश मिट्टी में मिल सकता है।

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