“OPEN AI” के सीईओ सैम ऑल्टमैन का टूटा घमंड, भारत के लिए कह दी ऐसी बात, सुनकर आपको भी होगा गर्व।

नई दिल्ली, 10 जून 2024: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन के बीच भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक को लेकर अहम बैठक हुई। इस चर्चा में एआई स्टैक, सस्ती तकनीक और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने जैसे मुद्दों पर बात हुई। यह बैठक भारत के डिजिटल भविष्य और AI में देश की भूमिका को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।

इससे पहले जब ओपन AI के सीईओ जब भारत के दौरे पर आए थे, तब उनसे जब यह प्रश्न पूछा गया कि क्या भारतीय कम लागत में चैट जीटीपी जैसी AI बना सकते हैं तब उन्होंने भारत को लेकर नकारात्मक बयान देते हुए कहा था कि

अमेरिका ओपन AI के तकनीक में भारत से कहीं आगे निकल चुका है, परंतु वर्तमान समय में भारत के पास अभी इतनी तकनीकी क्षमता नहीं है, परंतु अगर भारत ऐसी कोशिश करता है तो भी असफल रहेगा”

परंतु अब जब चीन की एक ऐप deep seek r1 जब बेहद कम लागत पर chat GPT से भी अच्छा Open Ai दुनिया के सामने विकल्प के रूप में रख दिया है, तब से उनके बयान में काफी हद तक बदलाव आते दिख रहे हैं। उन्होंने उन्होंने अपनी पुराने बयान से हटते हुए भारतीय युवाओं की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि –

“भारत न केवल ओपनएआई के लिए, बल्कि पूरी एआई क्रांति के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। भारत के युवाओं की प्रतिभा, गति और तकनीकी अपनाने की क्षमता अद्वितीय है।”

भारत में एआई स्टैक बनाने की रणनीति

भारत सरकार GPU, सॉफ्टवेयर मॉडल और एप्लिकेशन के साथ एक संपूर्ण एआई स्टैक बनाने पर जोर दे रही है। अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि भारत एआई तकनीक में आत्मनिर्भर बनने के लिए ओपनएआई के साथ सहयोग के अवसर तलाश रहा है।

उन्होंने कहा, “जिस तरह हमने कम लागत में चंद्रयान और मंगलयान मिशन सफल किए, वैसे ही भारत एआई तकनीक को भी सस्ता और सुलभ बनाएगा। यह नवाचार स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में बड़ा बदलाव लाएगा।”

स्टार्टअप्स के लिए ‘ओपन प्रतियोगिता’

मंत्री ने घोषणा की कि सरकार एआई स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए “ओपन प्रतियोगिता” शुरू करेगी। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य नई एआई तकनीक को विकसित करना और स्टार्टअप्स को फंडिंग व मेंटरशिप देना है। प्रतियोगिता में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि और परिवहन जैसे क्षेत्रों पर फोकस रहेगा।

भारत में एआई का तेजी से विकास

सैम ऑल्टमैन ने कहा, “भारत एआई क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और ओपनएआई के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया है। यहां की प्रतिभा और टेक्नोलॉजी अपनाने की क्षमता अद्वितीय है।”

उन्होंने यह भी बताया कि चैटजीपीटी के भारतीय उपयोगकर्ताओं की संख्या तीन गुना बढ़ गई है और अब ओपनएआई भारतीय भाषाओं के लिए अपने एआई मॉडल को अनुकूलित करने पर काम कर रहा है।

भारत का लागत प्रभावी एआई मॉडल

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत का लक्ष्य ऐसे एआई मॉडल विकसित करना है जो कम लागत में भी वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हों। उन्होंने उदाहरण दिया कि चंद्रयान-3 की लागत हॉलीवुड की एक फिल्म से भी कम थी, और इसी तरह कम लागत में एआई तकनीक विकसित करने की योजना है।

सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप, स्टार्टअप फंडिंग और शैक्षणिक संस्थानों के साथ काम कर रही है।

वैश्विक एआई सहयोग में भारत की भूमिका

यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की AI को लेकर वैश्विक पहल का हिस्सा है। भारत 10-11 फरवरी को फ्रांस में होने वाले एआई शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेगा, जहां एआई के नैतिक उपयोग, डेटा सुरक्षा और तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।

विशेषज्ञों की राय

तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार, यह सहयोग भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर अनिल कुमार का कहना है, “स्वदेशी नवाचार और वैश्विक साझेदारी से भारत एआई टेक्नोलॉजी में अग्रणी बन सकता है।”

हालांकि, डेटा सुरक्षा विशेषज्ञ डॉ. मीनाक्षी अरोड़ा ने गोपनीयता और रोजगार पर प्रभाव जैसे मुद्दों पर सतर्क रहने की सलाह दी है।

भारत और ओपनएआई के बीच यह साझेदारी देश को एआई तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। सस्ते और प्रभावी एआई समाधान विकसित करके भारत ग्लोबल लीडर बनने की ओर बढ़ रहा है। जैसे-जैसे भारत एआई क्रांति में आगे बढ़ेगा, पूरी दुनिया का दृष्टिकोण भारत के प्रति सकारात्मक होता जाएगा।

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