“India moves towards ‘One Nation, One Time’ with NavIC system”
भारत ने अपने स्वदेशी नेविगेशन सिस्टम NavIC (Navigation with Indian Constellation) के माध्यम से ‘एक राष्ट्र, एक समय’ की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह पहल भारत को GPS जैसी विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता कम करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगी। इसके अलावा, यह परियोजना देश में सटीक समय प्रसार को सुनिश्चित करेगी, जो विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता और समन्वय बढ़ाएगी।
NavIC और परमाणु घड़ियों का उपयोग
- NavIC भारत का स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन सिस्टम है, जो अमेरिका के GPS की तरह काम करता है। यह सटीक समय और स्थान की जानकारी प्रदान करता है।
- परमाणु घड़ियों का उपयोग करके, भारत अब मिलीसेकंड से माइक्रोसेकंड स्तर की सटीकता के साथ समय प्रसारित करने में सक्षम होगा। ये घड़ियां हर 100 मिलियन वर्ष में केवल एक सेकंड की त्रुटि के साथ काम करती हैं।
- फरीदाबाद स्थित राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) NavIC से जुड़कर समय का संदर्भ प्रदान करेगी। इस समय को ऑप्टिक फाइबर लिंक के माध्यम से अहमदाबाद, बेंगलुरु, भुवनेश्वर और गुवाहाटी जैसे क्षेत्रीय केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा।
‘एक राष्ट्र, एक समय’ का महत्व
- यह पहल देश भर में समय के एकीकृत मानक को सुनिश्चित करेगी। इससे डिजिटल घड़ियों, स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य उपकरणों पर दिखाया जाने वाला समय एक समान होगा।
- यह विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता को कम करेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।
- बिजली ग्रिड, दूरसंचार, बैंकिंग, रक्षा और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समन्वित संचालन और दक्षता बढ़ेगी।
परियोजना की वर्तमान स्थिति
- फरीदाबाद, अहमदाबाद, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में परमाणु घड़ियां स्थापित की जा चुकी हैं।
- NPL और ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) मिलकर NavIC के माध्यम से समय प्रसार के लिए काम कर रहे हैं।
- ऑप्टिक फाइबर लिंक के माध्यम से डेटा साझा करने में होने वाली देरी को समायोजित करने के लिए क्षेत्रीय केंद्रों में घड़ियों को संरेखित किया जा रहा है।
परियोजना के लाभ
- स्वदेशी तकनीक: विदेशी प्रणालियों पर निर्भरता कम होगी।
- राष्ट्रीय सुरक्षा: सटीक समय और स्थान की जानकारी से रक्षा क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
- दक्षता: बिजली ग्रिड, दूरसंचार और बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में समन्वय बढ़ेगा।
- साइबर सुरक्षा: सटीक समय प्रसार से साइबर खतरों के खिलाफ लचीलापन बढ़ेगा।
ट्रांज़िशन कैसे होगा?
- उपभोक्ता मामलों के विभाग ने मसौदा नियमों को अधिसूचित किया है, जिसके तहत देश भर में कानूनी, प्रशासनिक और वाणिज्यिक दस्तावेजों के लिए भारतीय मानक समय (IST) का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।
- खगोल विज्ञान, नेविगेशन और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विशेष क्षेत्रों के लिए अपवाद की अनुमति होगी, लेकिन इसके लिए सरकारी अनुमोदन आवश्यक होगा।
भारत की यह पहल न केवल तकनीकी स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक दक्षता को भी मजबूत करेगी। NavIC और परमाणु घड़ियों के माध्यम से ‘एक राष्ट्र, एक समय’ का लक्ष्य हासिल करना भारत की तकनीकी क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।