भारी बर्फबारी के बीच भी चीन के सीमा से 1 इंच पीछे नहीं हटेगी भारतीय सेना।

Indian Army Chief Says LAC With China “Stable But Sensitive– भारत चीन सीमा पर तनाव बरकरार है। हाड़ कपड़ा देने वाली सर्दी का मौसम आ चूका है। लद्दाख के पहाड़ बर्फ से ढकने वाले हैं । फिर एक बार पैंगोंग झील जम चुकी है। इस साल भी हड्डी जमा देने वाली ठंड में दुश्मनों का सामना करते हुए भारतीय सेना इस वक्त भी LAC पर खड़े होकर, चीनी सैनिकों का सामना कर रहे हैं। भारतीय जवान चीनी सैनिकों के उनके ठीक सामने मौजूद हैं। लद्दाख में तनाव वाली जगह पर भले ही भारत और चीन की सीन पीछे हट गई हो, लेकिन अभी भी संख्या बल में कोई अंतर नही आया है। ऐसे में जब ठिठुरती हुई सर्दी में सैनिकों की मौजूदगी को लेकर सवाल पूछा गया तो सेना प्रमुख ने कहा की LAC पर सैनिकों की संख्या कम नहीं की जाएगीमौजूदा समय में LAC पर जितने सैनिक मौजूद है उतने सैनिक आगे भी बरकरार रहेंगे। यानी 50 हजार से ज्यादा की संख्या में मौजूद सैनिक सर्दी में भी ऐसे ही डटे रहेंगे और चीनी सैनिकों पर अपनी नजर रखेंगे। मतलब साफ है भारतीय सेना अपने सरहद की सुरक्षा में जरा सी भी चूक नहीं होने देना चाहती।


भारतीय सेना प्रमुख का बयान – (Indian Army Chief Says LAC With China “Stable But Sensitive)

आज की स्थिति में, क्षमता के अनुसार हमें इस तरह की सैन्य स्थिति को बरकरार रखना है। इस तरह की शीतकालीन तैनाती के दौरान सैनिकों की संख्या कम हो जाती है। इसलिए कम से कम शीतकालीन रणनीति में, हम सैनिकों की किसी भी कमी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं।

(Indian Army Chief Says LAC With China “Stable But Sensitive)
बता दे की LAC पर भारत और चीन के बीच अक्टूबर के अंत तक ये तय हो गया की दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले क्षेत्र से पीछे हट जाएगी। लेकिन भारत को चिंता इस बात से है कि चीन अभी तक 2020 वाली स्थिति में पूरी तरीके से नहीं लौटा है वह भले ही इलाके को खाली करके लौट गया है, लेकिन उसने 2020 वाली स्थिति के मुकाबले अभी तक चीनी सैनिकों की संख्या में कटौती नहीं कि है। चीन ने भी भारतीय सेना के सामने 50 हज़ार सैनिकों की तैनाती करके रखा है। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने है। सेना प्रमुख ने स्पष्ट कर दिया कि मौजूदा जमीनी हालात सर्दियों के दौरान किसी भी तरह की सैन्य कटौती के लिए उपयुक्त नहीं है। साथ हीं गर्मियों में तैनाती पर फैसला चीन के साथ आगे बातचीत के नतीजे पर आधारित होगा। यानी चीन की हरकतों को देखते हुए भारत किसी भी कीमत पर ढीलाई बरतने के लिए तैयार नहीं है। हर स्थिति में दुश्मन को जवाब देने के लिए देना पूर्वी लद्दाख में डटी हुई है ।

क्या है पूर्वी लद्दाख से सटे LAC विवाद। (Indian Army Chief Says LAC With China “Stable But Sensitive)
2020 में पैंगोंग झील के क्षेत्र में हुए विवाद में भारत और चीन के सेनाओं के बीच जबरदस्त भिड़ंत हुई थी। यह भिड़ंत पांच और 6 में की रात 2020 को हुई थी। जिसमें भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे जबकि चीन को भारत से दुगने सैनिकों का नुकसान हुआ था। इसके बाद से ही भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी रहा। हाल की दिनों में दोनों देशों के बीच यह हुआ था की चीन की सीमा 2020 के स्थिति में वापस चली जाएगी। परंतु आज भी चीन की सेना अपने किए वादे पर कायम नहीं है। इसी को देखते हुए भारत ने अपने सीमाओं से सेना बल नहीं काम करने का मन बनाया है।

(Indian Army Chief Says LAC With China “Stable But Sensitive)
चीन अपनी चालाकियां के लिए दुनिया भर में मशहूर है। भारत से पंगा लेने के लिए चीन सीधे तनाव को न्योता नहीं देता है। वह धीरे-धीरे भारत की समक्ष अपनी स्ट्रक्चर खड़े कर लेता है। और इस प्रकार के हरकतों से भारत को उकसाने की कोशिश करता है। शायद यही बात भारतीय सेना समझ चुकी है। परंतु इस बार चीन की चालाकी धारी की धरी रह गई। सर्दियों में भारतीय सेवा को सीमा से न हटाने का फैसला चालक चीन के मंसूबों पर पानी फेरते हुआ नजर आ रहा है। जो भी हो भारतीय सेना अपने अदम्य साहस से देश की रक्षा करने के लिए जानी जाती है। भीषण सर्दी में LAC पर खड़े रह पाना ही km चुनौती पूर्ण नहींi है। इन देश के वीर जवानों के जज्बे पर हम सबको गर्व है। जय हिंद।

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