आज से लगभग 10 साल पहले भारत को जब भी हथियारों की जरूरत महसूस होती थी तो वह दुनिया के अन्य हथियार बनाने वाले देशों की ओर देखता था। परंतु आज के हालात बिलकुल विपरीत है । भारत न सिर्फ अपने जरूरत के अधिकतर हथियार खुद बनता है, बल्कि कई और देशों को निर्यात भी करता है। भारतीय हथियार उच्च गुणवत्ता युक्त होने के साथ-साथ अन्य अंतर्राष्ट्रीय देश की तुलना में सस्ते तथा कहीं ज्यादा भरोसेमंद है। वर्तमान समय में दुनिया के कई ऐसे देश है जो भारतीय हथियारों को खरीदना पसंद कर रहे हैं। भारतीय हथियार खरीदने वाले देशों में, एक नए देश की एंट्री हुई है जिस देश का नाम है अज़रबैजान।
कौन है अज़रबैजान?
अज़रबैजान यूरोप और एशिया के मध्य बसा हुआ एक देश है , जो पहले सोवियत संघ का भाग था। उसका अपने पड़ोसी देश आर्मेनिया से लंबे समय से युद्ध रहा है। दरअसल सोवियत संघ के टूटने के बाद कई देश बने। जिसमें से अज़रबैजान और आर्मेनिया भी थे। इन दो देशों के क्षेत्र की कुछ सीमाएं विवादित है। इन्हीं क्षेत्रों पर अधिकार जमाने के लिए दोनों देशों के बीच युद्ध होते रहते हैं।
अज़रबैजान का रुख भारत के खिलाफ!
एक वक्त था जब अज़रबैजान तुर्की और पाकिस्तान तीनों देशों का गठजोड़ था। यह तीनों देश कश्मीर मुद्दों पर भारत के खिलाफ बयानबाजियां करते नजर आते थे। अज़रबैजान अक्सर कश्मीर पर पाकिस्तान का समर्थन करते हुए देखा जाता था। भारत ने इसी के गठजोड़ के खिलाफ अजरबैजान के दुश्मन देश आर्मेनिया से अपनी नजदीकियां बढ़नी शुरू कर दी। भारत से नजदीकी बढ़ते हैं आर्मेनिया ने लाभ उठाते हुए अपने रक्षा बेड़े में भारत के अत्याधुनिक हथियारों को शामिल कर लिया। पिनाका मिसाइल से लेकर आकाश मिसाइल तक। स्वाति रडार प्रणाली से लेकर होवित्जर तोप तक आर्मेनिया के बेड़े में भारतीय मिसाइल की धमक देखी जा सकती है। भारत की इस मदद से एक ओर आर्मेनिया शक्तिशाली होता चला गया। वहीं दूसरी ओर अज़रबैजान अपने बॉर्डर पर भारतीय हथियारों की तैनाती से परेशान हो गया।
अज़रबैजान खरीदना चाहता है भारतीय हथियार।
आर्मेनिया और भारत के बीच बढ़ते रक्षा व्यापार को देखते हुए अज़रबैजान ने भारतीय हथियारों को खरीदने में रुचि दिखाई है। अज़रबैजान ने किसी तीसरे देश की मदद से भारत को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह भारतीय हथियारों को खरीदना चाहता है। इतना ही नहीं अज़रबैजान ने यह भी कहा है कि भारत अब तक जितना भी आर्मेनिया को हथियार सप्लाई कर चुका है अज़रबैजान उससे ज्यादा हथियार खरीदने के लिए उत्सुक है। अज़रबैजान का यह संदेश सीधे-सीधे भारत को लुभाने का प्रयास लगता है।
भारत ने ठुकराया अज़रबैजान का प्रस्ताव
भारत में अजरबैजान के हथियार खरीदने के प्रस्ताव को सीधे-सीधे ठुकरा दिया है। दरअसल भारत का कहना है की भारत अपने विदेश नीति में संबंधों को बहुत महत्व देता है। भारत किसी भी कीमत पर आर्मेनिया के साथ हुए हथियार समझौते के खिलाफ नहीं जाएगा और उसे आधुनिक हथियारों की सप्लाई जारी रखेगा।
भरोसेमंद देश भारत
दरअसल पूरे विश्व में भारत की छवि एक भरोसेमंद देश के रूप में है। भारत किसी भीं कीमत पर अपने मित्र देश के हितों को रक्षा करने से पीछे नहीं हटता। दुनिया ने रूस के मुद्दे पर भारतीय विदेश नीति का लोहा माना है। भारत भारी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भी रूस के खिलाफ नहीं गया। इससे पूरे विश्व में यह मैसेज गया कि भारत अपने पुराने संबंधों को कितना महत्व देता है।