ईरानी हमले पर कतर की कड़ी प्रतिक्रिया: अल-उदीद एयरबेस पर हमला कतर की संप्रभुता का उल्लंघन-दोहा, कतर

ईरानी हमले पर कतर की कड़ी प्रतिक्रिया, अल-उदीद एयरबेस पर हमला कतर की संप्रभुता का उल्लंघन


ईरान द्वारा दोहा के पास स्थित अल-उदीद एयरबेस पर किए गए मिसाइल हमले के बाद कतर सरकार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कतर ने इसे अपनी संप्रभुता और अंतरराष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन बताया है। यह एयरबेस अमेरिका और सहयोगी सेनाओं के उपयोग में आता है और वहां कई अंतरराष्ट्रीय सैन्य कर्मी तैनात रहते हैं।

कतर के विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता और प्रधानमंत्री के सलाहकार माजिद-अल-अंसारी ने इस हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा किया गया यह हमला कतर की संप्रभुता, हवाई क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है। इस बेशर्मीपूर्ण हमले की प्रकृति और पैमाने के अनुरूप कतर जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।”

हमले की पृष्ठभूमि

इस हमले की वजह अमेरिका द्वारा ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर किया गया हमला बताया जा रहा है। ईरान ने इसका जवाब अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल दागकर दिया। इसी कड़ी में दक्षिण-पश्चिम दोहा में स्थित अल-उदीद एयरबेस को भी निशाना बनाया गया।

हालांकि, कतर सरकार ने दावा किया है कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने मिसाइलों को रोक दिया और किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई। कतर ने बताया कि हमले के पहले ही एयरबेस को खाली करवा लिया गया था और सभी कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर दी गई थी।

कतर की चेतावनी और शांति का संदेश

कतर ने स्पष्ट किया है कि वह इस प्रकार की आक्रामकता को बर्दाश्त नहीं करेगा। कतर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है कि वह इस क्षेत्र में बढ़ते तनाव को कम करने की दिशा में ठोस प्रयास करें।

कतर ने कहा, “हम सभी सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल बंद करने और बातचीत की मेज पर लौटने का आह्वान करते हैं। हम युद्ध नहीं, शांति चाहते हैं।”

प्रवक्ता माजिद-अल-अंसारी ने यह भी दोहराया कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए कूटनीतिक हल ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने जोर दिया कि बढ़ती सैन्य कार्रवाई से पूरी खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।

इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम पर सहमति

इस हमले और प्रतिक्रिया के कुछ ही घंटे बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम पर सहमति बन गई है। ट्रंप ने कहा, “ईरान युद्धविराम की शुरुआत करेगा और इजरायल 12 घंटे बाद इसमें शामिल होगा। 24 घंटे बाद यह युद्धविराम पूरी दुनिया में प्रभावी माना जाएगा।”

ट्रंप की इस घोषणा को वैश्विक शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। 12 दिनों से चल रहे युद्ध के बाद यह पहला मौका है जब दोनों पक्षों ने आधिकारिक रूप से पीछे हटने पर सहमति जताई है।

कतर का रुख – संयम लेकिन मजबूती के साथ

कतर ने साफ किया है कि वह किसी भी स्थिति में अपने क्षेत्र और संप्रभुता की रक्षा करेगा। लेकिन साथ ही उसने यह भी स्पष्ट किया कि वह युद्ध नहीं चाहता। कतर ने यह भी कहा कि उसके हवाई क्षेत्र और सैन्य ठिकानों की सुरक्षा के लिए उसने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं और आगे भी उठाएगा।

कतर ने जोर देकर कहा कि उसने बार-बार क्षेत्रीय स्थिरता और शांति बनाए रखने के लिए कूटनीतिक रास्तों की वकालत की है। प्रवक्ता ने कहा, “हम उन कुछ देशों में से एक हैं, जिन्होंने क्षेत्र में इजरायल के बढ़ते खतरे को पहले ही पहचान लिया था और इस पर दुनिया का ध्यान खींचा था।”

वैश्विक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा

अभी तक संयुक्त राष्ट्र और अन्य प्रमुख देशों की इस घटना पर कोई विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका, यूरोपीय संघ और रूस जैसी बड़ी ताकतें जल्द ही इस पर बयान देंगी। खासकर इसलिए क्योंकि यह हमला उस सैन्य अड्डे पर हुआ जहां अमेरिका और उसके सहयोगी देश तैनात हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात काबू में नहीं आए तो यह संघर्ष खाड़ी क्षेत्र से बाहर भी फैल सकता है।

आगे क्या?

कतर ने साफ किया है कि वह हमले के बारे में विस्तृत जानकारी जल्द ही अपने रक्षा मंत्रालय के माध्यम से जारी करेगा। साथ ही उसने यह भरोसा दिलाया कि उसके नागरिक और सैन्यकर्मी पूरी तरह सुरक्षित हैं।

इस हमले ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि खाड़ी क्षेत्र कितना संवेदनशील है और यहां किसी भी वक्त हालात बिगड़ सकते हैं। ऐसे में बातचीत, संयम और समझदारी ही इस संकट का समाधान है।

इस घटना ने न सिर्फ खाड़ी क्षेत्र की स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है, बल्कि पूरी दुनिया को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। कतर का यह बयान कि वह हमले का जवाब देने का अधिकार रखता है, इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और घटनाक्रम हो सकते हैं।

कतर ने शांति की अपील करते हुए एक संतुलित रुख दिखाया है – एक तरफ जहां वह अपनी संप्रभुता पर हमले को गंभीरता से ले रहा है, वहीं दूसरी तरफ वह बातचीत और कूटनीति को प्राथमिकता देने की बात भी कर रहा है।

आशा की जानी चाहिए कि यह तनाव जल्द ही समाप्त होगा और क्षेत्र में फिर से शांति स्थापित होगी।


मुख्य बिंदु संक्षेप में:

  • ईरान ने अमेरिकी परमाणु ठिकानों पर हमले के जवाब में दोहा स्थित अल-उदीद एयरबेस पर हमला किया।
  • कतर ने इस हमले की कड़ी निंदा की और इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया।
  • कतर ने कहा – वायु रक्षा प्रणाली ने मिसाइलों को रोक दिया, कोई हताहत नहीं हुआ।
  • अमेरिका और सहयोगी सेनाएं बेस पर मौजूद थीं, लेकिन पहले ही सुरक्षा उपाय कर लिए गए थे।
  • कतर ने कहा कि वह जवाब देने का अधिकार सुरक्षित रखता है, लेकिन युद्ध की बजाय वार्ता को प्राथमिकता देता है।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा – ईरान और इजरायल युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं।
  • कतर ने कहा कि कूटनीतिक समाधान और शांति ही एकमात्र विकल्प हैं।

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