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महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या पर भगदड़ में 15 की मौत, अखाड़ों ने शाही स्नान रद्द किया।

Mahakumbh 2025: Stampede at Sangam on Mauni Amavasya; 15 feared dead

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या पर भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। यह घटना त्रिवेणी संगम पर गंगा में पवित्र स्नान के लिए जुटी भारी भीड़ के कारण हुई। मेला प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन अचानक बढ़े दबाव के कारण स्थिति बिगड़ गई। कई लोग घायल हुए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। इस घटना के बाद कई अखाड़ों ने शाही स्नान रद्द कर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गंभीर चिंता जताई और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके तत्काल सहायता उपाय करने का आदेश दिया। मोदी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले से ही सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को मजबूत किया था, लेकिन फिर भी यह दुर्घटना हो गई।

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कम से कम 15 शव अस्पतालों में लाए गए हैं। अधिकारियों ने हताहतों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक अपडेट जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह आंकड़ा चिंताजनक है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि भीड़ में धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी के कारण कई लोग जमीन पर गिर गए और उन्हें चोटें आईं। एक श्रद्धालु ने बताया कि उसने अपने परिवार और एक महिला को बचाया, लेकिन भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।

महाकुंभ मेला 2025 में अब तक 15 करोड़ से ज्यादा तीर्थयात्रियों ने संगम और घाटों पर स्नान किया है। मंगलवार को ही 4.8 करोड़ लोगों ने स्नान किया था। सरकार ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा के लिए एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। साथ ही, मेडिकल सुविधाओं को भी बढ़ाया गया है। 1,000 से ज्यादा मेडिकल प्रोफेशनल्स और 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात किया गया है।

मौनी अमावस्या को महाकुंभ का सबसे शुभ दिन माना जाता है, क्योंकि इस दिन पवित्र नदियों का जल अमृत में बदल जाता है। संतों और श्रद्धालुओं के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। हालांकि, इस बार यह दिन दुखद घटना के साथ याद किया जाएगा।

महाकुंभ मेला 2025, 12 साल बाद आयोजित हो रहा है और यह 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर समाप्त होगा। सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सुरक्षा नियमों का पालन करें और भीड़ को नियंत्रित रखें। इसके अलावा, मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है ताकि भीड़ को प्रबंधित करने में मदद मिल सके।

इस वर्ष, 144 वर्षों के बाद ‘त्रिवेणी योग’ नामक एक दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जो इस दिन के आध्यात्मिक महत्व को और बढ़ा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि 2025 के महाकुंभ में 45 करोड़ से ज़्यादा लोग आएंगे। अकेले मौनी अमावस्या पर ही करीब 10 करोड़ तीर्थयात्रियों के महाकुंभ में शामिल होने की उम्मीद है।

इसके बावजूद, सरकार ने सुरक्षा और चिकित्सा सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। मेला क्षेत्र में 1,000 से ज्यादा मेडिकल प्रोफेशनल्स और 300 विशेषज्ञ डॉक्टरों को तैनात किया गया है। साथ ही, एआई-संचालित सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से निगरानी की जा रही है।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बावजूद, महाकुंभ का आध्यात्मिक महत्व बरकरार है और लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर अपने आप को धन्य महसूस कर रहे हैं।

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