नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: 18 की दर्दनाक मौत, प्रशासन पर उठे सवाल!

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक भयावह भगदड़ में 18 यात्रियों की जान चली गई। मृतकों में 14 महिलाएं और तीन नाबालिग शामिल हैं। यह हादसा प्रयागराज महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनों के आगमन के दौरान हुआ, जब अत्यधिक भीड़ जमा हो गई और भीड़ प्रबंधन की भारी चूक सामने आई।

New Delhi Railway Station stampede: 18 people died tragically, questions raised on administration!

नई दिल्ली, 16 फरवरी 2024

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक भयावह भगदड़ में 18 यात्रियों की जान चली गई। मृतकों में 14 महिलाएं और तीन नाबालिग शामिल हैं। यह हादसा प्रयागराज महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनों के आगमन के दौरान हुआ, जब अत्यधिक भीड़ जमा हो गई और भीड़ प्रबंधन की भारी चूक सामने आई।

कैसे हुआ हादसा?

शनिवार रात लगभग 9:45 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 13 और 14 पर प्रयागराज एक्सप्रेस के आगमन की घोषणा होते ही हजारों यात्री फुट ओवर ब्रिज और प्लेटफॉर्म पर एकत्र हो गए। चश्मदीदों के अनुसार, दो ट्रेनों के आगमन में देरी के कारण पहले से ही भीड़ बढ़ी हुई थी। जैसे ही ट्रेन के दरवाजे खुले, यात्री जल्दी से चढ़ने के लिए आगे बढ़ने लगे, जिससे अफरा-तफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शी राजेश कुमार ने बताया, “जैसे ही भीड़ आगे बढ़ी, कुछ लोग गिर गए और उनके ऊपर अन्य लोग चढ़ने लगे। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। चारों तरफ चीख-पुकार मची थी और सांस लेना मुश्किल हो रहा था।”

मृतक और घायलों की स्थिति

दिल्ली पुलिस के अनुसार, भगदड़ में 18 लोगों की मौत दम घुटने और दिल का दौरा पड़ने से हुई। लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के डॉक्टर अमित मिश्रा के अनुसार, 20 से अधिक घायलों का इलाज चल रहा है, जिनमें से पांच की हालत गंभीर है।

मृतकों में अधिकतर यात्री उत्तर प्रदेश और बिहार से थे, जो प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होने जा रहे थे।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और मुआवजे की घोषणा

इस त्रासदी के बाद देशभर में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ गई।

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू: “इस हृदयविदारक घटना से अत्यंत दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।”
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: “मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।”
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: “इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी: “रेलवे प्रशासन की लापरवाही ने कई निर्दोष लोगों की जान ले ली। सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठते हैं।”

प्रबंधन की विफलता: क्या गलत हुआ?

  1. सुरक्षा बलों की कमी: रेलवे पुलिस और एनडीआरएफ टीमें भीड़ को नियंत्रित करने में असफल रहीं।
  2. ट्रेनों का अनियमित संचालन: प्रयागराज की दो ट्रेनों में देरी होने से भीड़ का दबाव अचानक बढ़ गया।
  3. संकीर्ण फुट ओवर ब्रिज: पुल संकरा होने के कारण यात्रियों को निकलने का पर्याप्त स्थान नहीं मिला।
  4. योजनाओं का अभाव: महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के बावजूद स्टेशन पर पर्याप्त प्रबंध नहीं किए गए थे।

महाकुंभ और भीड़ नियंत्रण की चुनौती

प्रयागराज महाकुंभ 2024 में लगभग 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जिससे उत्तर भारत के रेलवे स्टेशनों पर जबरदस्त भीड़ जमा हो रही है। रेलवे ने 24 जनवरी से 20 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन टिकटिंग और सुरक्षा के उचित इंतजाम नहीं किए गए।

भारत में भगदड़ की घटनाएं: एक कड़वा इतिहास

  • 2013: इलाहाबाद स्टेशन भगदड़ (महाकुंभ) – 36 मौतें।
  • 2015: नासिक कुंभ मेला भगदड़ – 27 तीर्थयात्रियों की मौत।
  • 2022: मुंबई एलफिंस्टन ब्रिज हादसा – 23 लोगों की जान गई।

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रशासन की भीड़ प्रबंधन योजनाएं केवल कागजों पर बनती हैं और जमीनी हकीकत में उनका पालन नहीं किया जाता।

पीड़ित परिवारों की मार्मिक कहानियां

  • सीमा देवी (35), बाराबंकी, उत्तर प्रदेश: वह अपने दो बच्चों के साथ महाकुंभ जाने वाली थीं, लेकिन भगदड़ में उनकी 8 साल की बेटी की मौत हो गई।
  • रवि कुमार (42), पटना, बिहार: उन्होंने अपनी पत्नी को भीड़ में खो दिया और अगले दिन उसका शव बरामद हुआ।

आपातकालीन सेवाओं की स्थिति: क्या सुधार की जरूरत है?

घटनास्थल पर 10 एंबुलेंस और 50 मेडिकल स्टाफ मौजूद थे, लेकिन भीड़ के कारण राहत कार्य में देरी हुई। अस्पतालों में रक्त की कमी और वेंटिलेटर सुविधाओं की कमी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

जांच और भविष्य की रणनीति

  • रेलवे प्रशासन की जांच: एडिशनल सेक्रेटरी स्तर की कमेटी बनाई गई, जो 3 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।
  • एनडीआरएफ की भूमिका: भविष्य में कुंभ जैसे आयोजनों में एनडीआरएफ की तैनाती सुनिश्चित करने पर विचार।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार: रेलवे फुट ओवर ब्रिज को चौड़ा करने और डिजिटल क्राउड मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने की योजना बना रहा है।

निष्कर्ष: क्या प्रशासन सबक लेगा?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ न केवल सुरक्षा व्यवस्था की विफलता दर्शाती है, बल्कि भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं में सुधार की सख्त जरूरत को भी उजागर करती है। जब तक बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं किया जाता और भीड़ नियंत्रण के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते, इस तरह की त्रासदियां दोहराई जाती रहेंगी।

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