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कश्मीर में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई: सेवानिवृत्त सैनिक की हत्या के बाद 500 से अधिक लोग हिरासत में !

Over 500 detained across Kashmir in ‘message to militants.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में सेवानिवृत्त सैनिक मंजूर अहमद वागे की हत्या के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए घाटी भर में 500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए अधिकांश लोग पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकवादियों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।

क्यों की गईं गिरफ्तारियां?

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह कदम “सीमा पार के आतंकवादियों को स्पष्ट संदेश” देने के लिए उठाया गया है कि भारतीय सुरक्षा बलों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “ऐसी कार्रवाइयों से अतीत में सकारात्मक नतीजे मिले हैं। इस बार भी हमने उनके परिजनों को निशाना बनाकर दबाव बनाने का फैसला किया।”

हमले की वारदात

सोमवार को कुलगाम के बेहिबाग गांव में अज्ञात बंदूकधारियों ने वागे (45) पर गोलियां चलाईं, जिससे उनकी मौत हो गई। इस हमले में उनकी पत्नी और भतीजी भी घायल हो गईं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। वागे सेना से रिटायर होने के बाद स्थानीय प्रशासन में कार्यरत थे।

पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हिरासत

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह पहली बार है जब आतंकवादियों के परिजनों और रिश्तेदारों को इतनी बड़ी संख्या में हिरासत में लिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में सुरक्षा बलों ने PoK स्थित आतंकवादियों की संपत्तियों को जब्त करने की रणीति अपनाई थी, लेकिन परिवार के सदस्यों को निशाना बनाने का यह नया तरीका माना जा रहा है।

आतंकवाद रोकथाम की रणनीति

जानकारों का कहना है कि यह कदम आतंकवादियों को मनोवैज्ञानिक दबाव में लाने के लिए उठाया गया है। पुलिस का मानना है कि परिजनों की गिरफ्तारी से सीमा पार के आतंकी नेतृत्व को यह संदेश जाएगा कि उनकी कार्रवाइयों का खामियाजा उनके अपनों को भुगतना पड़ेगा।

अब तक की जांच

हमले के बाद से सुरक्षा बलों ने घटनास्थल के आसपास के इलाकों में छापेमारी तेज कर दी है। हालांकि, हमलावरों की पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि “गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ जारी है और जल्द ही और कार्रवाई की जाएगी।”

इस घटना ने कश्मीर में सुरक्षा हालात को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है। स्थानीय नेताओं ने हिंसा की निंदा करते हुए शांति बहाली का आह्वान किया है, जबकि सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान को और तेज करने पर जोर दे रही हैं।

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