पप्पू यादव की भांजी की मौत!
गाजीपुर, उत्तर प्रदेश: बिहार के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी (JAP) के प्रमुख पप्पू यादव की भांजी डॉ. सोनी यादव की एक भीषण सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ, जिसमें चार अन्य लोगों की भी जान चली गई। यह दुर्घटना तब हुई जब सभी प्रयागराज में महाकुंभ स्नान करके लौट रहे थे।
कैसे हुआ हादसा?
घटना गुरुवार रात करीब 10 बजे गाजीपुर जिले के बिरनो थाना क्षेत्र में वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन हाईवे पर हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तेज रफ्तार कार सड़क किनारे खड़े गिट्टी से लदे ट्रेलर से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान
हादसे में जान गंवाने वालों में प्रमुख रूप से डॉ. सोनी यादव, उनकी बुआ गायत्री देवी, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव विपिन मंडल और ड्राइवर सलाउद्दीन शामिल हैं। वहीं, कार में सवार एक अन्य व्यक्ति दीपक झा गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।
संभावित कारण: क्या ड्राइवर को आई थी झपकी?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हादसे की वजह चालक को झपकी आना हो सकता है। बताया जा रहा है कि ड्राइवर सलाउद्दीन को नींद आने लगी थी, इसलिए दीपक झा ने गाड़ी चलानी शुरू की। इसी दौरान कार बेकाबू होकर खड़े ट्रेलर से टकरा गई। फिलहाल, पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की विस्तृत जांच जारी है।
पप्पू यादव का दर्द: “हमने परिवार का एक होनहार सदस्य खो दिया”
हादसे की खबर सुनते ही पप्पू यादव गहरे सदमे में आ गए। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भांजी के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “मेरी चचेरी भांजी डॉ. सोनी यादव का इस तरह जाना परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। वह एक होनहार, संवेदनशील और कर्मठ बेटी थी, जिसे हमने बहुत जल्दी खो दिया।”
डॉ. सोनी यादव: एक सफल डॉक्टर और परिवार की मजबूत कड़ी
डॉ. सोनी यादव पेशे से डॉक्टर थीं और अपने पति डॉ. मुकेश यादव के साथ बिहार के पूर्णिया जिले में “दुर्गा नर्सिंग होम” संचालित करती थीं। उनके निधन से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके जुड़वां बेटे हादसे के समय घर पर थे, जो अब अपनी मां को खोने के गम में हैं।
प्रशासन की कार्रवाई और जांच
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया। कार को बाहर निकालने में करीब साढ़े तीन घंटे लगे। पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हादसे के कारणों की जांच जारी है।
महाकुंभ से लौटते समय हादसों का बढ़ता खतरा
धार्मिक आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे सड़कों पर यातायात का दबाव भी बढ़ जाता है। इससे पहले भी महाकुंभ से लौटते समय कई सड़क हादसे हो चुके हैं। इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन और यात्रियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ड्राइवरों को लंबी यात्रा के दौरान नियमित अंतराल पर आराम करने की सलाह दी जाती है ताकि झपकी आने की संभावना कम हो। इसके अलावा, हाईवे पर खड़े ट्रकों और ट्रेलरों के लिए भी सख्त नियमों की जरूरत है ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
यह हादसा केवल एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ी क्षति है। डॉ. सोनी यादव जैसी होनहार महिला की असमय मृत्यु ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। ऐसे में, प्रशासन को सड़क सुरक्षा को लेकर अधिक गंभीर होने की जरूरत है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें और शोकाकुल परिवार को इस कठिन समय में हिम्मत दें।