प्रयागराज, 29 जनवरी 2025
आज 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर प्रयागराज के संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में पवित्र स्नान करने पहुंचे थे। लेकिन दोपहर करीब 2:00 से 2:15 बजे के बीच संगम के पास भगदड़ मच गई, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हो गए। हालांकि, अभी तक प्रशासन ने आधिकारिक रूप से किसी आंकड़े की पुष्टि नहीं की है।
घटना की जानकारी देते हुए छतरपुर जिले से महाकुंभ में आई श्रद्धालु महालक्ष्मी ने बताया कि अचानक भीड़ बढ़ती चली गई और लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे। इस दौरान कई लोग नीचे गिर गए और भीड़ का सैलाब उन पर से गुजरता रहा। उन्होंने बताया कि लोगों ने मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया, लेकिन शोर और हड़बड़ी के कारण उनकी आवाज किसी तक नहीं पहुंच सकी।
इस घटना में कई परिवार बिछड़ गए और लोगों का आपसी संपर्क टूट गया। कुछ लोग धक्का-मुक्की से बचने में कामयाब रहे, लेकिन कई लोग इसकी चपेट में आ गए। कुंभ परिसर में हुई इस दुर्घटना से लोगों में दहशत का माहौल बन गया।
प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स भी भीड़ के दबाव में टूट गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। हालांकि, प्रशासन ने तत्काल मौके पर अधिकारियों और सुरक्षा बलों को तैनात कर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। इसके बावजूद, कुछ समय के लिए माहौल पूरी तरह से बेकाबू हो गया।
घायलों और मृतकों को कुंभ क्षेत्र में स्थित केंद्रीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उनके परिजन मौजूद थे। अस्पताल में मौजूद लोगों ने बताया कि भगदड़ की वजह से कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
परिवारजनों की मार्मिक कहानियां
चित्रकूट से आए एक श्रद्धालु ने बताया कि उन्होंने भगदड़ में अपनी जान तो बचा ली, लेकिन उनके बहनोई चंद्रपाल कुशवाहा इस हादसे से बच नहीं सके। प्रशासन ने उन्हें कुंभ परिसर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए किसी बड़े अस्पताल में भेज दिया गया। हालांकि, उन्हें यह नहीं पता चल पा रहा है कि चंद्रपाल को किस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह रात 2:00 बजे से इस बात को लेकर काफी परेशान हैं।
वहीं, छतरपुर जिले से आए एक नवयुवक अपनी मां की तलाश में हैं। उन्होंने बताया कि भगदड़ में उनकी माताजी गंभीर रूप से घायल हो गईं और भीड़ के दबाव में नीचे गिर गईं। उन्हें कुंभ परिसर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उन्हें मेडिकल कॉलेज में बेहतर इलाज के लिए भेज दिया गया। हालांकि, नवयुवक के सामने एक और बड़ी समस्या यह है कि भगदड़ के दौरान उनका बैग, जिसमें पैसे रखे थे, कहीं गुम हो गया। वह अपनी माताजी की देखभाल करने और बैग को ढूंढने की कोशिश में लगे हुए हैं। उनकी आंखों से आंसू नहीं थम रहे हैं और वह अपनी मां को खोजने में काफी परेशान हैं।
इस दुर्घटना ने एक बार फिर महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। श्रद्धालुओं ने प्रशासन से बेहतर प्रबंधन की मांग की है। प्रशासन ने घटना की जांच का आश्वासन दिया।
महाकुंभ के पावन मौके पर हुई यह दुर्घटना सभी के लिए दुखद है। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में सावधानी बरतने की अपील की है।
रिपोर्ट: प्रयागराज