कुंभ मेले में भाग लेने के बारे में स्टीव जॉब्स का पत्र 4.32 लाख से अधिक में नीलाम: ‘मैं भारत जाना चाहता हूं…’

स्टीव जॉब्स के हाथों से लिखा हुआ 5 दशक पुराना पत्र जो कुंभ मेले में भाग लेने के लिए लिखा था, उसे नीलाम किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके हाथों से लिखा गया यह पत्र 4 करोड़ 32 लाख रुपए की बोली लगाकर खरीदा गया। इस पत्र में स्टीव जॉब्स ने कुंभ मेले में आने का जिक्र किया था। जबकि अभी कुंभ मेला चल रहा है उनके द्वारा लिखे गए पत्र की कीमत और भी ज्यादा बोली लगाकर बेची गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार दिवंगत स्टीव जॉब्स ने यह पत्र 51 साल पहले अपने मित्र के नाम लिखा गया था।


स्टीव जॉब्स ने अपने पत्र में क्या लिखा था।
एप्पल कंपनी के सह संस्थापक दिवंगत स्टीव जॉब्स भारत के कुंभ मेले का जिक्र करते हुए 32 फरवरी 1974 को अपने मित्र को अपने हाथों से पत्र लिखते हैं। उन्होंने उनका यह पत्र बचपन के दोस्त टीम ब्राउन को लिखा गया था। इस पत्र में उन्होंने भारत की बौद्ध धर्म से जुड़े संतों और भारत की सबसे पवित्र कुंभ मेले में जाने की बात लिखी थी। उस समय यह कुंभ मेला अप्रैल महीने में लगने वाला था, वह मार्च में भारत आने की बात तो कहते हैं परंतु कब यह निश्चित नहीं है।


स्टीव जॉब्स की पांच दशक पुराना यह पत्र, भारतीय संस्कृति के आध्यात्मिक पक्ष से उनके बेहद गहरे लगाव को दर्शाता है। स्टीव जॉब्स को भारत की संत परंपरा और कुंभ के प्रति ऐसी आस्था आज़ भी लोगों के बीच उत्सुकता भर देती है। लोग उनके बारे में और जानना चाहते हैं।


स्टीव जॉब्स के पत्र के अनुसार भारत में उन्होंने 7 महीने तक लंबा प्रवास किया था इसके दौरान उन्होंने खुद को भारतीय संस्कृति में ऐसा डुबाया की उनकी भारत से लगाव और भी बढ़ता ही चला गया। स्टीव जॉब्स के पत्र के अनुसार वह उत्तराखंड में नीम करोली बाबा के आश्रम में रहने की योजना बनाए थे लेकिन भारत आने पर उन्हें पता चला की नीम करोली बाबा का देहांत पिछले साल ही हो गया था। इससे जॉब्स दुखी तो हुए परंतु फिर भी उन्होने कैंची धाम के आश्रम में ही रहे, और बाबा की शिक्षाओं से उन्हें बेहद शांति मिली।


7 महीने बाद जब वह वापस अमेरिका गए तो उनकी माता-पिता भी उनके बदले हुए स्वरूप के कारण पहचान ही नहीं पाए। स्टीव जॉब्स के अनुसार उनका सर मुंडा हुआ था। वह सूती वस्त्रो को पहने हुए थे और उनके शरीर की पूरी त्वचा धूप से भूरे लाल रंग की हो गई थी। उनके इस रूप के कारण उनकी माता-पिता भी हैरान हो गए थे।

स्टीव जॉब्स द्वारा लिखे गए इस पत्र को ठीक 51 साल बाद निजी अंतरराष्ट्रीय नीलामी घर बोन्हांस ने 500 मिलियन डॉलर से ज्यादा में नीलाम कर दिया।


स्टीव जॉब्स भारत में आयोजित होने वाले महाकुंभ में इच्छा होने के बावजूद भी कभी सम्मिलित ना हो सके। और उनका निधन 5 अक्टूबर2011 को पेट की भीतरी भाग में होने वाले कैंसर से हो गई।


स्टीव जॉब्स की इच्छा को उनकी पत्नी लॉरेंस पावेल जॉब्स ने की पूरी
इन दिनों भारत में आयोजित महाकुंभ में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेंस पावेल आई हुई हैं। Lawrence Powell प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 में शामिल होकर अपने पति के लंबे समय से की गई इच्छा को पुरी की। लॉरेंस पावेल ने अपने आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलसानंद गिरी महाराज से दीक्षा ली है। उनके गुरु ने उनका आध्यात्मिक नाम कमला रखा है। इन दोनों अपनी 40 सदस्सीय टीम के साथ पहुंचकर अध्यात्म, ध्यान, क्रिया, प्राणायाम, योग सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *