Temporary ban on Ganga Aarti in Varanasi
वाराणसी, 31 जनवरी 2025 – गंगा सेवा निधि प्रबंधन ने वाराणसी के प्रमुख घाटों पर आयोजित होने वाली गंगा आरती को 5 फरवरी 2025 तक आम जनता के लिए अस्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। यह कदम महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। प्रशासन का कहना है कि इस प्रतिबंध से दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा और भीड़ प्रबंधन को प्रभावी बनाया जा सकेगा।
गंगा आरती पर प्रतिबंध: कारण और निर्णय
गंगा आरती, जो वाराणसी के दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट और अस्सी घाट पर प्रतिदिन आयोजित होती है, श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण रही है। महाकुंभ मेले के दौरान इन घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, जिससे सुरक्षा जोखिम बढ़ गए हैं।
दशाश्वमेध घाट समिति के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया कि घाट की क्षमता से कहीं अधिक श्रद्धालु यहाँ एकत्र हो रहे थे, जिससे सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ उत्पन्न हो गईं। उन्होंने कहा, “महाकुंभ के दौरान यहाँ आने वाली भीड़ सामान्य दिनों से कई गुना अधिक हो गई है, जिससे यातायात और प्रशासन पर भारी दबाव पड़ा है।”
भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा चिंताएँ
- अत्यधिक भीड़ – गंगा आरती देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु घाटों पर जमा हो रहे थे।
- यातायात जाम – गोदौलिया चौराहे और आसपास के इलाकों में लोगों का अत्यधिक जमावड़ा होने से यातायात व्यवस्था बाधित हो गई।
- संभावित दुर्घटनाएँ – प्रशासन को आशंका थी कि यदि भीड़ को नियंत्रित नहीं किया गया, तो भगदड़ जैसी घटनाएँ हो सकती हैं।
- महाकुंभ का प्रभाव – महाकुंभ मेले के चलते वाराणसी और अयोध्या दोनों शहरों में तीर्थयात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।
प्रशासन की अपील: श्रद्धालुओं को निर्देश
महाकुंभ के दौरान वाराणसी में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे गंगा स्नान के बाद तुरंत अपने गंतव्य के लिए प्रस्थान करें।
- आरती स्थल पर न रुकें – गंगा आरती के लिए भीड़ न बढ़ाएँ और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
- समयबद्ध यात्रा करें – प्रशासन ने श्रद्धालुओं को महाकुंभ समाप्त होने तक काशी यात्रा को टालने का सुझाव दिया है।
- अनावश्यक भीड़ से बचें – किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
भीड़ बढ़ने के मुख्य कारण
- महाकुंभ का आयोजन – दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन के कारण वाराणसी और अयोध्या में तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई।
- मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या – इन महत्वपूर्ण पर्वों के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना बढ़ गई।
- तीर्थयात्रा का आकर्षण – वाराणसी, काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा स्नान की धार्मिक महत्ता के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आ रहे हैं।
प्रशासन की चेतावनी और आगे की योजना
गंगा सेवा निधि और स्थानीय प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि भीड़ नियंत्रण में नहीं आई, तो आगे और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं। अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा उपायों के तहत अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और आपातकालीन सेवाओं को भी अलर्ट पर रखा गया है।
वाराणसी प्रशासन ने कहा, “श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। गंगा आरती पर यह अस्थायी प्रतिबंध केवल भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगाया गया है। महाकुंभ के समापन के बाद स्थिति सामान्य होने पर आरती को पुनः आम जनता के लिए खोला जाएगा।”
महत्वपूर्ण बिंदु (Key Takeaways)
- सुरक्षा प्राथमिकता – बढ़ती भीड़ और संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया।
- अस्थायी प्रतिबंध – 5 फरवरी 2025 तक गंगा आरती आम जनता के लिए बंद रहेगी।
- यातायात व्यवस्था पर प्रभाव – वाराणसी और अयोध्या में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने से यातायात प्रभावित हुआ।
- समयबद्ध यात्रा की सलाह – श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया कि वे फरवरी 2025 के बाद काशी की यात्रा करें।
- प्रशासन की सतर्कता – भीड़ नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं और अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
वाराणसी में गंगा आरती का अस्थायी प्रतिबंध प्रशासन द्वारा लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक था। महाकुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं की अप्रत्याशित संख्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। प्रशासन और समिति का कहना है कि स्थिति सामान्य होते ही गंगा आरती फिर से आम जनता के लिए खोल दी जाएगी। तब तक, श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और यात्रा की योजना सोच-समझकर बनाएँ।