भारत के उत्तर प्रदेश में एक पौराणिक शहर है वाराणसी जिसे बनारस भी कहा जाता है। इसे महादेव की नगरी काशी भी कहा जाता है। आज हम लोग अपने ब्लॉग में बात करेंगे Varanasi Tour Plan की। अगर आप भी Varanasi Tour Plan कर रहे हैं तो आप एक बहुत ही जिंदा दिल शहर की यात्रा करने जा रहे हैं। आज हम लोग इस ब्लॉग में जानेंगे की कौन-कौन से प्रसिद्ध मंदिर और जगह है जिन्हें पर्यटकों को जरूर घूमना चाहिए। हम बात करेंगे सड़कों पर मिलने वाले स्ट्रीट फूड के बारे में और बनारस की खास बातें जिन्हें आपको अपने यात्रा में जरूर शामिल करनी चाहिए।
वाराणसी कैसे आएं ? (Varanasi Tour Plan)
अगर आप फ्लाइट से आना चाहते हैं तो यहां का सबसे नजदीक हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो मुख्य सिटी से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। बनारस मेन सिटी आने के लिए एयरपोर्ट से ऑटो रिक्शा और कैब आसानी से मिल जाते है। वही आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो यहां पर दो बड़े-बड़े रेलवे स्टेशन है एक है वाराणसी जंक्शन जिसे कैंट भी कहा जाता है और दूसरा स्टेशन है वाराणसी सिटी। दोनों ही रेलवे स्टेशन वाराणसी शहर से अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। यहां देशभर से रोजाना सैकड़ो ट्रेन आती जाती है।
वाराणसी कितने दिन के लिए आए और कहां ठहरें। (Varanasi Tour Plan)
चुकी वाराणसी एक बहुत बड़ा शहर है और यहां देखने के लिए बहुत कुछ है। वाराणसी की यात्रा करने के लिए कम से कम दो दिन तो चाहिए ही परंतु आप यह इससे ज्यादा दिन ठहरतें है तो यकीन मानिए यह शहर आपको कभी निराश नहीं करेगा। गंगा जी के किनारे बसे वाराणसी शहर में कल 85 घाट है। रुकने के लिए इन सभी घाटों के आसपास ठहरने के लिए धर्मशालाएं होटल और गेस्ट हाउस आसानी से मिल जाते हैं। इन होटल से घाट और मंदिरों की दूरी बहुत कम रह जाती है।अगर आप पर्यटक है तो आप इन्हीं होटल में ठहर सकते हैं। यहां होटल 1000 से लेकर 7000 तक आपकी सुविधा के अनुसार मिल जाते हैं।
बनारस घूमने के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल -:
1. काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पौराणिक मंदिर है। यहां पर स्थित ज्योतिर्लिंग प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर के मुख्य देवता “भगवान श्री विश्वनाथ जी” है। ऐसी मान्यता है की गंगा जी में स्नान करने के पश्चात श्री विश्वनाथ जी के दर्शन कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। काशी विश्वनाथ मंदिर को बहुत भव्य बनाया गया है। इसके स्वर्ण जड़ित शिखर भी पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं। रात के समय काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लगे हुए घाट पर रात 8:00 बजे से लाइट एंड साउंड शो आयोजित किया जाता है। जिसमें बनारस की कहानी को लेजर शो के माध्यम से दिखाया जाता है। यह भी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण के लिए का केंद्र होता है।
2. श्री अन्नपूर्णा मंदिर
यह मंदिर काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक बगल में स्थित एक बड़ा ही प्रसिद्ध मंदिर है। अन्नपूर्णा देवी को तीनों लोकों कि भरण पोषण करने वाली माता कहा जाता है । इस मंदिर में भगवान शंकर की प्रतिमा अन्य दान की मुद्रा में है। मान्यता है यहां माता अन्नपूर्णा ने स्वयं भगवान शिव को भोजन कराया था। इस मंदिर की मूर्तियां लगभग 500 साल पुरानी स्वर्ण प्रतिमाएं है जिनके आप दर्शन कर सकते हैं। इसी प्रांगण में अन्नपूर्णा रसोई भी है जहां पर दूर-दूर से आए भक्त बड़ी श्रद्धा से माता का प्रसाद ग्रहण करते हैं। यहां का दीपावली के अगले दिन मनाया जाने वाला अन्नकूट महोत्सव बहुत प्रसिद्ध है, जहां पर माता को अनेकानेक स्वादिष्ट व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।
3. श्री काल भैरव मंदिर वाराणसी
भगवान श्री काल भैरव जी को योग और तंत्र की अधिष्ठात्री देवी महाकाली का पुत्र माना जाता है और काल भैरव देवता को तंत्र सिद्धि का देवता भी माना जाता है। श्री काशी विश्वनाथ धाम मे भगवान भैरव जी को शहर के कोतवाल के रूप में पूजा जाता है।
श्री विशालाक्षी शक्तिपीठ काशी
देवी विशालाक्षी का मंदिर अति प्राचीन बतलाया जाता है। यह माता के 51 शक्तिपीठों में से बनारस में स्थित एकमात्र शक्तिपीठ है। मान्यता है की देवी विशालाक्षी की उपासना और पूजा से धन और सौंदर्य की प्राप्ति होती है । इस मंदिर की प्रतिमा और मंदिर की नक्काशी दिखते ही बनता है। पर्यटक यहां आकर अपने आप को धन्य महसूस करते हैं। अगर आप भी वाराणसी यात्रा पर आए हैं तो Varanasi Tour Plan में इस मंदिर को जरूर शामिल करें ।
4. पशुपतिनाथ मंदिर वाराणसी
वैसे तो भगवान शिव का पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल के काठमांडू में स्थित है, परंतु बनारस की तंग गलियों में ललिता घाट के पास ही एक पौराणिक पशुपतिनाथ मंदिर मौजूद है इसे नेपाली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसे नेपाल के राजा राजेंद्र विक्रम शाह ने बनवाया था जो की 350 साल पुराना मंदिर है। इस मंदिर की खास बात यह है की इसको बनाने में लगाई गई एक-एक लकड़ी नेपाल से लाई गई थी और नेपाली कारीगरों द्वारा ही इन लड़कियों पर खूबसूरत नक्काशी करके बनाई गई है। यही कारण है कि पर्यटक नक्काशी को देखने के लिए यहां खिंचे चले आते हैं। यह वाराणसी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
5. भारत माता मंदिर
बनारस के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में स्थित यह मंदिर भारत माता को समर्पित है। यह मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। यहां पर भारत के भौगोलिक मानचित्र को जमीन पर संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है। इस मंदिर में किसी भी देवी देवता की मूर्ति या तस्वीर नहीं है। इस मंदिर का परिसर बहुत ही विशाल है। बिना मूर्तियां व तस्वीर से रहित इस मंदिर को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं।
6. सारनाथ मंदिर
सारनाथ मंदिर बनारस की प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है । यह बौद्ध धर्म के लोगों के लिए बहुत ही पवित्र स्थान है। यहां भगवान बुद्ध को समर्पित एक बहुत विशाल मंदिर है। यहां के मुख्य मंदिर में भगवान बुद्ध की ध्यान मुद्रा मैं बैठी हुई मूर्ति स्थापित है। यहां पर स्थित दुकानों में आप बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई कई सारे वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं।
7. सर्ववेद महामंदिर बनारस
सर्ववीर मंदिर एक योग मंदिर है। यह बहुत बड़ा होने के साथ हीं बेहद खूबसूरत मंदिर है। मंदिर का आर्किटेक्ट बहुत ही खूबसूरत है। रात के समय यहां के खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। हाल के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है।
बनारस के प्रमुख अन्य मुख्य आकर्षण (Varanasi Tour Plan)
- गंगा आरती
बनारस की प्रसिद्ध गंगा आरती को देखने राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटक भी आते हैं। शाम के समय लगभग एक से डेढ़ घंटे तक चलने वाली यह आरती विशेष रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण है। मां भगवती गंगा की आरती के समय प्रसिद्ध घाट दसश्वमेघ घाट पर बहुत ही भीड़ लग जाती है और पूरा माहौल भक्ति में हो उठता है। घाट पर एक अद्भुत ऊर्जा का संचार पूरे वातावरण में फैल जाता है । पर्यटक एक साथ मां गंगा की आरती के साथ-साथ भगवान शंकर का जय घोष करते हैं। इस महा आरती में शामिल होने के लिए कई देसी अथवा विदेशी राष्ट्राध्यक्ष भी आ चुके हैं। - गंगा नदी में नौका विहार – बनारस में कुल 85 घाट है जिसे पैदल घूमना कठिन होता है । आप नाव की सहायता से सभी पचासी घाटों पर घूम सकते हैं। सर्दियों के दिन में साइबेरियन पक्षियों का यहां बसेरा होता है। पर्यटकों के द्वारा दिए गए दाने साइबेरियन पक्षी बड़े चाव से खाते हैं। यहां के प्रमुख घाटों का नाम अस्सी , घाट गंगा महल घाट, तुलसी घाट, शीतला घाट, प्रयाग घाट, मणिकर्णिका घाट, निषादराज घाट, पंचकोट घाट, गुलरिया घाट, हनुमान घाट, कर्नाटक घाट , हरिश्चंद्र घाट, केदार घाट, सोमेश्वर घाट, मानसर सरोवर घाट, नारद घाट, दरभंगा घाट, अहिल्याबाई घाट , राजेंद्र प्रसाद घाट, ललिता घाट, खिड़की घाट हनुमानगढी घाट इत्यादि है।
- गोदोलिआ चौक से मुख्य मंदिर सड़क मार्ग – मुख्य मंदिर जाने वाली सड़कों के दोनों तरफ आकर्षक रूप से सजे हुए दुकान यहां आए हुए पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। यहां पर सभी प्रकार केजरूरत की वस्तुएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। विशेष कर रंग-बिरंगे कपड़े, धार्मिक मूर्तियां, धार्मिक ग्रंथ और प्रसाद की दुकान पर्यटकों का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित करती है।
- बनारसी पान – पर्यटक बनारस में जाए और बनारसी पान का लुफ्त ना उठाएं ऐसा हो ही नहीं सकता है। बनारस के पान के दुकानों पर विशेष रूप से भीड़ लगी होती है। पान बनाने वाले दुकानदार अलग-अलग फ्लेवर और अलग-अलग सुगंध एवं व्यंजनो को पान में डालकर बनाते हैं। इससे पान के स्वाद में वृद्धि हो जाती है। सुगंधित मिश्रण को मिलाकर पर्यटकों को लुभाया जाता है। देश की तुलना में इस पान की कीमत भी अधिक होती है परंतु फिर भी पर्यटक इसे जरूर ट्राई करते हैं।
- बनारस के प्रसिद्ध मक्खन और लस्सी – बनारस जाने वाले पर्यटक विषेश कर बनारस के मक्खन को खाना पसंद करते हैं । एक विशेष तरह का पेय जिसे लस्सी भी कहा जाता है बनारस की पहचान बतलाई जाती है, जो भी पर्यटक बनारस घूमने आते हैं इन व्यंजनों को जरूर चखते हैं।