भारत ने क्वांटम (Quantum) कंप्यूटर टेक्नोलॉजी को हासिल कर लिया है। भारत अब दुनिया का छठा ऐसा देश बन गया है, जो इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं । भारत का मिशन क्वांटम (Quantum technology) दुनिया में हलचल मचा रहा है। यह तकनीक इतनी महत्वपूर्ण है कि भारत कुछ चुनिंदा देशो की श्रेड़ी में आकर खड़ा हो गया है । भारत इस तकनीक के जरिए न सिर्फ डिफेंस बल्कि मेडिकल, स्पेस और साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में भी दुनिया पर राज करेगा।
जब पश्चिमी देशों ने टेक्नोलॉजी देने से इंकार कर दिया था !
दरअसल 1970 के दशक में जब सुपर कंप्यूटर की टेक्नोलॉजी चुनिंदा कुछ देशों के पास थी । उन देशों ने सुपर कंप्यूटर टेक्नोलॉजी पर कब्जा कर लिया। जब भारत ने सुपर कंप्यूटर की मांग की तब उन देशों ने इस टेक्नोलॉजी को भारत को देने से इनकार कर दिया।भारत ने भी हार नहीं मानी। भारतीय वैज्ञानिकों ने इसे चैलेंज के रूप में लिया और 1991 में भारत ने अपना पहला सुपर कंप्यूटर PARAM 8000 बना लिया। इससे भारत तकनीकी क्रांति में पश्चिमी देशों के साथ फिर से खड़ा हो गया। आज जब दुनिया सुपर कंप्यूटर से आगे बढ़कर क्वांटम (Quantum technology) कंप्यूटर पर काम कर रही है भारत फिर से इस दौड़ में शामिल हो चुका है।
आईए जानते हैं “क्वांटम कंप्यूटर क्या है ?” (What is Quantum technology ?)
दरअसल क्वांटम (Quantum) कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर से लगभग 100 ट्रिलियन गुना तेज है। इसे भविष्य की तकनीक भी कहा जाता है । यह किसी भी जटिल समस्या को पलक झपकते ही सॉल्व कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि क्वांटम कंप्यूटर तकनीकी के जरिए हेल्थ केयर कम्युनिकेशन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिफेंस ,साइंस एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों में बहुत से बदलाव लाने की काबिलियत रखता है । इसका इस्तेमाल भारत को सुपर पावर बन सकता है।
सिर्फ 5 देश हीं काम कर रहें हैं क्वांटम (Quantum technology) तकनीक पर ।
क्वांटम कंप्यूटर एक जटिल तकनीक पर काम करता है। मौजूदा कंप्यूटर को परफॉर्म करने के लिए बाइनरी डिजिट्स मतलब BITS का इस्तेमाल करते हैं। हमारे कंप्यूटर में जितने भी डाटा है वह BITS के फॉर्म में ही रहते हैं। क्वांटम कंप्यूटर में बाइनरी डिजिट्स के जगह क्वांटम डिजिट्स का इस्तेमाल किया जाता है, क्वांटम डिजिट्स को शॉर्ट में क्यूबिट्स (QUBITS ) कहा जाता है। यह मौजूदा कम्प्यूटर से काफी उन्नत और बहुत हीं तेज टेक्नोलोजी है। क्वांटम कंप्यूटर की स्पीड भी दूसरे कंप्यूटर के मुकाबले बहुत ही तेज होती है यही वजह है कि क्वांटम कंप्यूटर जटिल गणना को भी बहुत ही आसानी से और तेजी से कर सकता है। वर्तमान में सिर्फ पांच देश ही है जो क्वांटम (Quantum) कंप्यूटर तकनीक पर काम कर रहे हैं। जिसमें चीन, अमेरिका फिनलैंड, फ्रांस ,ऑस्ट्रेलिया और छठा देश भारत भी शामिल हो चुका है।
मिशन क्वांटम (Quantum) भारत सरकार के लिए कहीं ना कहीं मास्टर स्ट्रोक कहा जा सकता है। बताते चलें कि भारत सरकार ने क्वांटम मिशन के लिए भारी भरकम फंड स्वीकृत की है इस मिशन को सफल बनाने के लिए 6000 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। भारत ने क्वांटम कंप्यूटर पर आधारित टेलीकॉम नेटवर्क की शुरुआत कर दी है। दिल्ली के संचार भवन और नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर के बीच यह तकनीक काम कर रहा है।
भारत के इस कदम से दुनिया क्यों है हैरान ?
दरअसल क्वांटम (Quantum)कंप्यूटर पर काम कर रहे देश क्वांटम(Quantum) तकनीक के जरिए अपने देश की साइबर सिक्योरिटी को मजबूत करना चाहते हैं। भारत का क्वांटम (Quantum) तकनीक न सिर्फ हैकिंग को असंभव बना देता है, बल्कि भारत के डाटा को 100% सुरक्षित रख सकता है।
हैकर्स को चैलेंज !
भारत सरकार ने इसे सुरक्षित बनाने के लिए हैकिंग चैलेंज लॉन्च कर दिया है। हैकर्स को कहा गया है कि अगर वह क्वांटम (Quantum) तकनीक को कहीं से तोड़ सकते हैं तो, उन्हें ₹10 लाख का इनाम दिया जाएगा।जो पश्चिमी देश 1970 में यह तकनीक देने से मना कर रहे थे,अब वह खुद भारत से पीछे रह गए हैं ।
भारत ने लगाई लम्बी छलांग –
अब चीन और अमेरिका, भारत को एक नए प्रतिद्वंद्वी के रूप में देख रहे हैं। भारत का क्वांटम तकनीक (Quantum technology) सिर्फ एक क्रांति ही नहीं है, बल्कि भारत के लिए यह भविष्य की सबसे बड़ी कुंजी है। भविष्य में क्वाँटम तकनीक का इस्तेमाल बहुत हीं व्यापक रूप में होने वाला है। जिसे पाने के लिए आज भी 190 देश तरस रहे हैं।