इजराइल और हमास के बीच लंबे समय तक चल रहे कयास के बीच सिजफायर हो चुका है। खबर है कि फिलहाल बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से सीजफायदा डील को मंजूरी दे दी गई है। इस मंजूरी को कैबिनेट से भी पारित कर दिया गया है। इस मामले में गुरुवार को अगर मगर की स्थिति पैदा हो गई थी, जब नितिन याहू का बयान आया था कि अभी सिज फायर नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री नितिन याहू ने हमास पर अंतिम समय में कुछ शर्तों से पीछे हटने का आरोप भी लगाया था। इसके बाद पूरे विश्व भर की मीडिया में यह बात छा चुकी थी की युद्धविराम का प्रयास विफल रहा।
अब एक सकारात्मक खबर आ चुकी है। इस फैसले से यह समझा जा रहा है कि इसराइल और हमास के बीच संघर्ष विराम समझौता लागू होगा। दोनों देशों के बीच चीज फायर लागू हुआ तो लंबे समय से चली आ रही युद्ध की स्थिति खत्म हो जाएगी।
तीन चरणों में सीजफायर की प्रक्रिया पूरी होगी। आईए जानते हैं कि इजराइल और हमास के बीच हुई सीजफायर डील में क्या-क्या समझते हुए।
1 शुरुआती सीजफायर 6 सप्ताह का होगा इस दौरान इजरायल की सेंट्रल फोर्सज गज से वापस लौटेंगे और फिलिस्तीनियों की वापसी होगी। इनमें से 50 ट्रैकों में ईंधन होगा जो प्रभावित क्षेत्र के जरूरत की पूर्ति करेगा।
2. इस डील में मानवीय सहायता की सामग्री वाले 600 ट्रैकों को गंज में एंट्री की परमिशन दी जाएगी।
3. हमास के पास अभी भी इजरायल की 33 लोग बंधक हैं। जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल है। हमास सीजफायर डील के तहत हर सप्ताह तीन लोगों को छोड़ेगा।
4. इजराइल ने अपने एक नागरिक के बदले में, 30 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने पर सहमति जताई है।
5. सीजफायर का पहला चरण 6 सप्ताह यानी 42 दिन का होगा। इस अवधि में हमास ने हर सप्ताह तीन इजरायली नागरिकों को छोड़ने पर सहमति जताई है, वही इजराइल सप्ताह में 90 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा।
6. दोनों पक्षों में दूसरे चरण की बातचीत पहले राउंड के 16 में दिन के बाद से शुरू होगी। बची हुई लोगों को छोड़ने पर बातचीत की जाएगी। हमास इजरायली बंधकों को तभी छोड़ेगा जब इजरायल के सैनिक गज से निकल जाएंगे।
7. इस युद्ध विराम के तीसरे चरण में मारे गए लोगों के शवों को वापस करने पर बातचीत होगी।
पिछले कई दिनों से इस बात की कयास लगाए जा रहे थे कि इसराइल और हम आज के बीच सीजफायर हो जाएगा। लेकिन दो दिन पहले इजरायल की तरफ से ऐसी खबर आई थी कि शायद युद्धविराम ना हो पाए। क्योंकि इजरायल के प्रधानमंत्री ने तनयाहू के तरफ से यह आरोप लगाया गया कि हमास अपनी शर्तों से पीछे हट रहा है। लेकिन अमेरिका और कतर जैसे देशों के भारी दबाव के कारण आखिरकार इजराइल को युद्ध विराम के लिए मानना पड़ा। इसके बाद फिर अब खबर आई है की दोनों पक्षों ने अपनी अपनी तरफ से इस डील के लिए राजी हो चुके हैं। और अब यह भी खबर आ चुकी है कि नेतन्याहू कैबिनेट को भी इस चीज फायर से मंजूरी मिल गई है।